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PM मोदी ने अफगान संसद को किया संबोधित, कहा- लोकतंत्र के लिए मिलकर काम करेंगे

रूस की दो दिन की यात्रा के बाद पीएम नरेंद्र मोदी पड़ोसी देश अफगानिस्तान के एक दिन के दौरे पर पहुंचे हैं. पीएम मोदी शुक्रवार को सुबह अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पहुंचे. अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने औपचारिक तौर पर पीएम मोदी का स्वागत किया.

पीएम ने किया अफगान संसद के नए भवन का उद्घाटन पीएम ने किया अफगान संसद के नए भवन का उद्घाटन
संदीप कुमार सिंह
  • काबुल,
  • 25 दिसंबर 2015,
  • अपडेटेड 2:28 PM IST

रूस की दो दिन की यात्रा के बाद पीएम नरेंद्र मोदी शुक्रवार सुबह पड़ोसी देश अफगानिस्तान के एक दिन के दौरे पर पहुंचे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को राजधानी काबुल में अफगान संसद के नए भवन का उद्घाटन किया. यह भारत के सहयोग से बनाया गया है.

अफगान संसद को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अफगानिस्तान में भी लोकतंत्र मजबूत हो रहा है और ये संसद अफगान लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करेगी. पीएम मोदी ने कहा कि अफगान संसद की ये इमारत भारत और अफगानिस्तान के बीच मजबूत होने संबंधों का प्रतीक है.

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पाकिस्तान का नाम लिए बिना पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोग हमारी यात्रा से असहज महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अफगान लोगों के लिए एकजुट होने का यही समय  है और शांति के मार्ग पर ही विकास हो सकेगा. भारत अफगानिस्तान की इस कोशिश में हर समय उसके साथ है.

पीएम मोदी ने अफगान संसद के परिसर में अटल ब्लॉक का भी उद्घाटन किया.

पीएम मोदी ने अफगान संसद में कही ये अहम बातें
- अटल के जन्मदिन पर अफगानिस्तान संसद का उद्घाटन अहम.

-इस काम के लिए भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और दिग्गज नेता अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन से खास कोई और दिन नहीं हो सकता था.

 - अटल जी ने 11 साल पहले करजई साहब के साथ पार्टनरशिप में इस प्रोजेक्ट का सपना देखा था.

-हम इस बात से बेहद प्रभावित हैं कि आपने इस इमारत का नाम अटल ब्लॉक चुना है.

 

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-लोगों की अपेक्षा पूरी करेगी ये संसद.

-यह इमारत भारत-अफगान दोस्ती का प्रतीक

-बुलेट को बैलेट से हराना होगा

 -अफगानिस्तान का हमदर्द है भारत

 -अपनी आवाज को नहीं, शब्दों को बुलंद करें. फूलों को पनपने में बारिश मदद करती है, तूफान नहीं.

 -भारत-अफगान स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास साझा.

 -शहीद अफगान सुरक्षाबलों के 500 बच्चों को स्कॉलरशिप.

 -अफगानिस्तान में शांति से पूरे क्षेत्र की तरक्की.

 -आतंक के खात्मे से ही अफगानिस्तान का विकास.

 -भारत और अफगान के हर नागरिक के दिल में एक-दूसरे के लिए बेहद प्यार है.

 -जब आपने नई सदी में नए सफर की शुरुआत की, तो हमें आपके साथ खड़े रहने और आपके कदम से कदम मिलाने में गर्व महसूस हुआ

 -हमारी पार्टनरशिप से ग्रामीण लोगों को स्कूल, सिंचाई की सुविधा, हेल्थ केयर सेंटर और महिलाओं को अवसर मिले हैं.

पाक पर साधा निशाना
अफगानिस्तान संसद को संबोधित करते हुए मोदी ने पाकिस्तान पर निशाना साधा है. उन्होंने पाक का नाम लिए बिना कहा कि उनकी इस यात्रा से कुछ लोग असहज महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत-अफगान दोस्ती के कई दुश्मन हैं. कुछ लोगों को भारत और अफगानिस्तान की दोस्ती से जलन है.

पीएम मोदी शुक्रवार को सुबह अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पहुंचे. अफगान एनएसए ने एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया. इसके बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी ने औपचारिक तौर पर पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया.

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दोनों नेताओं के बीच मुलाकात में आपसी सहयोग एवं क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा समेत तमाम मुद्दों पर बातचीत हुई.

 

अफगानिस्तान के एनएसए ने एयरपोर्ट पर पीएम मोदी का स्वागत किया.

अफगानी संसद के निर्माण का काम 2007 में शुरू हुआ था. इस इमारत को भारत की ओर से अफगानिस्तान में लोकतंत्र की प्रतीकात्मक भेंट करार दिया जा रहा है.

भारत सरकार ने युद्ध पीड़ित अफगानिस्तान से दोस्ती और एकजुटता दिखाने के लिए इस भवन को बनाने का काम 2007 में शुरू किया था. 31 दिसंबर तक इसे बनकर तैयार हो जाना है. इसे नवंबर 2011 में ही बनकर तैयार होना था, लेकिन इसे बनाने की अंतिम तिथि तीन बार बढ़ानी पड़ी. ताजा समीक्षा में भारत के शहरी विकास विभाग के सचिव मधुसूदन प्रसाद और केंद्रीय लोक निर्माण विभाग ने पाया कि भवन का काम 96 फीसदी पूरा हो चुका है.

इस भवन के निर्माण पर 4 करोड़ 50 लाख डॉलर का खर्च आना था. लेकिन, बाद में यह बढ़कर 9 करोड़ डॉलर हो गया. इस भवन का डिजाइन मुगल और आधुनिक स्थापत्य कला पर आधारित है. इसका गुंबद एशिया का सबसे बड़ा गुंबद होगा.

प्रधानमंत्री रूस की दो दिन की यात्रा संपन्न कर अफगानिस्तान के दौरे पर पहुंचे.

रूस में द्विपक्षीय सम्मेलन में हुए कई समझौते
इससे पहले रूस की राजधानी मॉस्को में 16वें भारत रूस द्विपक्षीय सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह भारत को मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाना चाहते हैं. साथ ही मेक इन इंडिया के लिए निवेश को बढ़ावा देने की कोशिश भी है. उन्होंने कहा, 'मैं यहां अपने पार्टनर को सुरक्षा के साथ ही समृद्धि का हिस्सेदार भी बनने के आमंत्रित करने आया हूं.'

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मोदी ने कहा कि हम रूस के साथ अपने संबंधों को विस्तार देना चाहते हैं और उसे हाइड्रोकार्बन से आगे बढ़ाना चाहते हैं. भारत में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए हमने कई आर्थिक जोन बनाए हैं. प्रधानमंत्री ने बताया कि दोनों देशों के बीच 16 मुद्दों पर सहमति बनी है. इनमें व्यापार, रेलवे समेत कई अहम क्षेत्र शामिल हैं.

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