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PMMY: जिस योजना की मोदी कर रहे हैं तारीफ, उसका बैड लोन बन रहा मुसीबत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को मुद्रा योजना को लेकर बात की. इस दौरान उन्होंने इसकी उपलब्ध‍ियां गिनाईं. हालांकि पीएमा मोदी की तरफ से जिस योजना की उपलब्ध‍ियां गिनाई जा रही हैं, वह भी अब सरकार का रास्ता मुश्क‍िल कर रही है.

पीएम मोदी (File Photo) पीएम मोदी (File Photo)
विकास जोशी
  • नई दिल्ली,
  • 29 मई 2018,
  • अपडेटेड 3:38 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को मुद्रा योजना को लेकर बात की. इस दौरान उन्होंने इसकी उपलब्ध‍ियां गिनाईं. हालांकि पीएम मोदी की तरफ से जिस योजना की उपलब्ध‍ियां गिनाई जा रही हैं, वह भी अब सरकार का रास्ता मुश्क‍िल कर रही है. दरअसल पिछले तीन साल से चल रही इस योजना में बैड लोन 11300 करोड़ के पार पहुंच चुका है.

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39.12 लाख खाते हुए एनपीए

सूचना के अध‍िकार के तहत मांगी गई जानकारी से इसका खुलासा हुआ है. गर्व‍ित बंसल नाम के शख्स की तरफ से की गई इस आरटीआई के जवाब में वित्त मंत्रालय ने यह जानकारी दी है. मंत्रालय ने जवाब में बताया है, ''30 जून, 2017 तक मुद्रा योजना के 39.12 लाख खाते एनपीए में तब्दील हो गए हैं.'' मंत्रालय के मुताबिक इन खातों में 11317.64 करोड़ रुपये बैड लोन की शक्ल ले चुके हैं.

सरकारी बैंकों के लिए दोहरी मुसीबत

मु्द्रा योजना के तहत सभी कर्ज सरकारी बैंक देते हैं. ये बैंक पहले से ही बैड लोन की समस्या से जूझ रहे हैं. ऐसे में अपने ऊपर पड़े एनपीए के बोझ से उभरने की कोश‍िश में जुटे सरकारी बैंकों के लिए मुद्रा योजना का बैड लोन भी मुसीबत खड़ी कर रहा है. इसकी वजह से उनके लिए अपने एनपीए को खत्म करना एक चुनौती बन रहा है.

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रिस्क फैक्टर बढ़ाने वाली योजना

जानकारों का दावा है कि मुद्रा योजना के ये प्रावधान कर्ज का रिस्क फैक्टर बढ़ा देते हैं. वहीं बैंकिंग से जुड़े कुछ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि मुद्रा योजना के तहत किसी व्यक्ति को एक बार कर्ज देने के बाद उसके उपक्रम के लिए रीफाइनेंनसिंग नगण्य के बराबर है, जिसके चलते मुद्रा कर्ज लेने वालों के सामने शुरुआती घाटा खाने की स्थिति में दोबारा खड़े होने के लिए रीफाइनेंसिंग की समस्या रहती है.

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को मुद्रा योजना के लाभार्थ‍ियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा, ''हम छोटे उद्यमियों को भी लोन देने के लिए मुद्रा योजना लेकर आए.  मुद्रा योजना से आम लोगों के हुनर को पहचान मिली. मुद्रा योजना के 12 करोड़ लोगों में से 55% लोन देश के SC/ST/OBC समाज के युवाओं और महिलाओं को मिला है. मुद्रा योजना के तहत 6 लाख करोड़ रुपये लोन दिए गए.''

क्या है मुद्रा योजना?

प्रधानमंत्री मोदी ने मुद्रा योजना को 8 अप्रैल 2015 में शुरू किया था. इस योजना को छोटे कारोबारियों को ध्यान में रखकर लाया गया था. इस योजना के तहत तीन श्रेण‍ियों के तहत कर्ज दिया जाता है. इसमें पहली श्रेणी श‍िशु है. इसके तहत 50,000 रुपये तक कर्ज मिलता है. दूसरी है किशोर. इसके तहत कर्ज लेने वालों को 50,000 से 5 लाख रुपये तक का कर्ज मिलता है.

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तीसरी श्रेणी है, तरुण. इसके तहत 5 लाख से 10 लाख रुपये तक लोन दिया जाता है. इस योजना के तहत सूक्ष्म, लघु और मध्यम कारोबार के लिए लिये जाने वाले कर्ज को बिना किसी कोलैटरल सिक्योरिटी के तहत देने का प्रावधान है.

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