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यूपी में गुंडागर्दी से लेकर चुनावी चंदे तक निशाने पर, विपक्ष पर PM के 3 बड़े वार

उत्तर प्रदेश के कानपुर की चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को यूपी की कानून-व्यवस्था से लेकर चुनावी चंदे पर उठ रहे तमाम सवालों को संबोधित किया.

PM मोदी PM मोदी
सबा नाज़
  • नई दिल्ली,
  • 19 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 2:48 PM IST

उत्तर प्रदेश के कानपुर की चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को यूपी की कानून-व्यवस्था से लेकर चुनावी चंदे पर उठ रहे तमाम सवालों को संबोधित किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि सिस्टम में पारदर्शिता लाने के लिए वे काम कर रहे हैं और विपक्ष के लोग काले धन वालों के समर्थन में नारेबाजी कर रहे हैं. उन्होंने विपक्षी दलों को म्युनिसिपलिटी के लोगों से भी बदतर बताया. पढ़िए पीएम मोदी के भाषण की बड़ी बातें-

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विपक्ष को कहा बेईमानों का दल
1. बेईमानों की मदद में लगे विरोधी दल, लगाए नारे.

2. विपक्ष ने अपने हित के लिए पूरे सत्र नहीं चलने दी संसद.

3. म्युनिसिपलिटी में चुने लोगों से भी बदतर विपक्ष के सांसद.

4. देश को संभालना पिछली सरकारों की प्राथमिकता नहीं रही.

5. 30 साल से देश में चल रही समझौते की गाड़ी.

6. विरोधी दल अपनो को संभालने में लगे, देश के लिए समय नहीं.

7. विपक्षी दलों को पड़ी बेईमानी की आदत.

यूपी में गुंडागर्दी पर उठाए सवाल
1. उत्तर प्रदेश में युवाओं के सशक्तिकरण के लिए सरकार ने उठाए कई कदम.

2. यूपी ने परिवर्तन का संकल्प ले लिया है.

3. यूपी में गुंडागर्दी से परिवर्तन की आग.

4. यूपी के लोग गुंडागर्दी से तंग आए लोग.

5. यूपी में गुंडागर्दी करने वालों को शह दे रही है राज्य सरकार.

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6. यूपी के 1500-1600 गावों में बिजली पहुंचाई गई. केवल 70-72 गावों में अभी काम बाकी.

चुनावी चंदे के मुद्दे पर पीएम के सवाल
1. राजनीति दल तय करें कि चुनावी चंदे में पारदर्शिता कैसे आए.

2. आम सहमति से लागू किया जाएगा फैसला.

3. मैं संसद में हो चर्चा- राजनीतिक दलों के चंदे का सिस्टम पारदर्शी हो. दूसरा-लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराए जाएं.

4. 35 लाख से ज्यादा गरीब लोगों को गैस कनेक्शन दिया.

5. यूरिया के नीम कोटिंग से सिंथेटिक दूध बनाने वालों का काला धंधा बंद किया.

6. नोटबंदी के एक निर्णय से काले धन के धंधेबाजों का खेल खत्म किया.

7. 1000 और 500 के नोट गए तो 100 वालों की पूछ बढ़ी.

8. नोटबंदी से गरीबों को लूटने वालों के पसीने छूट गए.

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