
प्रधानमंत्री की विदेशी यात्राओं का सिलसिला अगले हफ्ते नई उड़ान भरेगा. पीएम नरेंद्र मोदी ब्रिक्स और शंघाई सहयोग संगठन की शिखर बैठकों में हिस्सा लेने के लिए 6 से 13 जुलाई तक रूस समेत मध्य एशिया के 5 देशों की यात्रा करेंगे.
एससीओ की बैठक उफा में होगी, जहां भारत को छह देशों के समूह की सदस्यता मिल सकती है. इसके सदस्यों में चीन, रूस, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान शामिल हैं. यह यात्रा की एक प्रमुख बात होगी. अभी भारत को सिर्फ पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त है.
ब्रिक्स देश यानी ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शिखर सम्मेलन के दौरान स्थानीय मुद्रा में व्यापार की संभावना सहित आर्थिक क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की जाएगी. ब्रिक्स विकास बैंक पहले ही स्थापित हो चुका है और स्थानीय मुद्रा में कर्ज सुविधा शुरू होने की संभावना पर सम्मेलन में विचार किया जा सकता है. बैंक के पहले प्रमुख जानेमाने भारतीय बैंकर के वी कामथ हैं.
उज्बेकिस्तान से शुरू होगी मोदी
की यात्रा
मोदी की यात्रा उज्बेकिस्तान से शुरू होगी और वहां से वह सात जुलाई को
कजाखस्तान जाएंगे. उसके बाद वह आठ जुलाई को रूस की यात्रा करेंगे. 10 जुलाई को वह
तुर्कमेनिस्तान, 11 जुलाई को किर्गिस्तान और 12 जुलाई को ताजिकिस्तान जाएंगे. विदेश मंत्रालय
में सचिव नवतेज सरना ने कहा कि पांच मध्य एशियाई देशों की यात्रा के दौरान व्यापार बढ़ाने पर
जोर दिया जाएगा. इसके अलावा उर्जा और सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भी जोर दिया
जाएगा.
मोदी फिर रचेंगे कीर्तिमान!
यह पहला मौका है जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री एक
साथ इन देशों की यात्रा करने वाले हैं. तुर्कमेनिस्तान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, भारत परियोजना
को आगे बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा. भारत की ऊर्जा जरूरतों के लिहाज से यह काफी
महत्वपूर्ण परियोजना है क्योंकि मध्य एशिया से गैस आ सकती है लेकिन भौतिक संपर्क नहीं होने
की वजह से इसमें बाधा आई है.
इनपुट भाषा