
उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में रविवार को शुरू बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हिस्सा लेने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंच गए हैं. संगम किनारे दो दिनों तक होने वाली इस बैठक से पूर्व पीएम ने जहां पार्टी के शीर्ष पदाधिकारियों संग होटल में बैठक की, वहीं राष्ट्रीय कार्यकारिणी को पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने संबोधित किया. उन्होंने मोदी सरकार के दो साल के कार्यकाल को सफर करार दिया.
शाह के संबोधन के बाद मीडिया से रूबरू केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि बीजेपी अध्यक्ष सरकार के कामकाज से संतुष्ट हैं. प्रसाद ने कहा, 'अपने संबोधन में अमित शाह जी ने केंद्र सरकार के दो साल के कार्यकाल को सफल बताया. उन्होंने माना कि इन दो वर्षों में दुनियाभर में देश का मान बढ़ा है.'
केंद्रीय मंत्री प्रसाद ने कहा कि पूर्व की यूपीए सरकार में हर मंत्री खुद को पीएम समझता था और पीएम को कुछ नहीं समझता था. वह सरकार पॉलिसी पैरालाइसिस की शिकार थी. मोदी सरकार में देश का विकास दर दो साल में 7.6 फीसदी पर पहुंच गई है. यूपी में सरकारी जमीन हथियाने का धंधा चल रहा है. हम यूपी चुनाव जीतने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे
अमित शाह ने भी अपने भाषण में यूपी सरकार पर भी जमकर निशाना साधा. शाह ने कहा, 'यूपी में माफियाराज है. मथुरा और कैराना का मामला सबके सामने है. इसके लिए राज्य सरकार सीधे तौर पर दोषी है.'
राष्ट्रीय कार्यकारिणी में अमित शाह का संबोधन-
- पश्चिम बंगाल और केरल में भी बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जमकर मेहनत की है.
- नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने दो साल में कई क्षेत्रों में सफलता पाई है.
- पांच राज्यों के चुनाव में भी बीजेपी ने बढ़िया सफलता पाई है.
- असम की जीत सिर्फ राजनीतिक सफलता नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी था.
- देश भर में मोदी सरकार के दो साल पूरे होने पर विकास पर्व मनाया जा रहा है.
- असम में बीजेपी की जीत ने हमारे लिए पूर्वोत्तर का प्रवेश द्वार बनाया है.
- यूपी सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखने में नाकाम साबित हुई है.
- यूपी में मथुरा और कैराना का मामला सबके सामने है. इसका सीधा दोष राज्य सरकार का है.
- दस साल तक केंद्र में यूपीए सरकार ने 12.5 लाख करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार किया.
- मोजी सरकार के दो साल में एक पैसे के भ्रष्टाचार का भी आरोप नहीं लगा है.
- मोदी सरकार देश की सीमाओं को मजबूत कर रही है. सेना को मजबूत किया जा रहा है.
- दुनिया भर में भारत देश का सम्मान बढ़ रहा है. दुनिया हमें मान रही है.
- 21वीं सदी मोदीजी के नेतृत्व वाले हमारे भारत देश की होगी.
- हमारी अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी बढ़ती अर्थव्यवस्था बन चुकी है.
- सऊदी अरब और अफगानिस्तान ने अपने देश का सर्वोच्च सम्मान पीएम मोदीजी को दिया.
- अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र ने मोदीजी के भाषण के दौरान कई बार स्टैंडिंग ओबेशन दिया.
- मोदीजी के भाषण पर पूरे देश को गर्व हुआ. उन्होंने 125 करोड़ भारतीयों का मान बढ़ाया.
- सउदी अरब और अफगानिस्तान ने अपने देश का सर्वोच्च सम्मान पीएम मोदीजी को दिया.
- एमटीसीआर और एनएसजी के लिए दुनिया भर से भारत को समर्थन मिल रहा है.
- मोदीजी की कुशल विदेश नीति की वजह से दुनिया भर के लोग उनकी बात मानते हैं.
- कांग्रेस की राजनीति को देश ने ठुकरा दिया है. अब वह लगातार सिकुड़ रही है.
- कांग्रेस की हालत उसकी अपनी करनी से हुई है. पर हमें संतुष्टि नहीं है.
- हम लगातार सर्वोच्च स्थान पर पहुंचे हैं, लेकिन हमें लगातार अपने काम का विस्तार करते रहना होगा.
- चुनाव के बाद केरल और पश्चिम बंगाल में हिंसा की घटनाएं हुई. हम इसकी निंदा करते हैं.
- मोदीजी के सफल नेतृत्व में संगठन का विस्तार करने के लिए हमें सभी चुनाव जीतना होगा.
- हमें प्रधानमंत्री के मोबाइल एप से जुड़ना और फिर लोगों को जोड़ना चाहिए.
- मोदीजी और उनके सभी मंत्रियों की ईमानदार सरकार विकास देने वाली सरकार है.
- यूपी का चुनाव जीतना होगा. यहां कानून का नहीं माफिया का राज चल रहा है.
पीएम मोदी ने बदलाव पर दिया जोर
इससे पहले होटल कान्हा-श्याम में पार्टी पदाधिकारियों संग बैठक के दौरान अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि समय के साथ संगठन में बदलाव जरूरी है और यह होना चाहिए. उन्होंने करीब 10 मिनट तक नेताओं को संबोधित किया. पीएम ने कहा, 'बदलाव होते रहते हैं, लेकिन हमें आगे बढ़ते रहना चाहिए. हमें हमेशा नए आइडिया पर विचार करते रहना चाहिए.'
PM ने कहा, जो कार्यकर्ता हमारे साथ जुड़ा है उसको एकजुट करके आगे बढ़ना है. हमारे देश में 80 करोड़ युवा हैं. उनके मन को पढ़ते हुए जरूरी बदलाव करना होगा.'
विपक्ष को कमजोर नहीं समझने की नसीहत
प्रधानमंत्री ने इसके साथ ही पार्टी अधिकारियों से विपक्ष को कमजोर नहीं समझने की नसीहत भी दी. उन्होंने कहा, 'विपक्ष को कमजोर नहीं समझना चाहिए. वो हम पर हमला करने के नए नए तरीके ढूंढ़ रहे हैं. उसके हमलों का जवाब हमें अपने काम से देना है. हमें विपक्ष को एक्सपोज करने की जरूरत है. हमें और मजबूत होना होगा. हमारे जो 11 करोड़ सदस्य हैं उन्हें अपने साथ संजोकर रखना है. उनके जरिए ही सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाना है.'
होटल को सुरक्षा बलों ने किले में तब्दील कर दिया है. होटल के गेट पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने प्रधानमंत्री उनकी अगवानी की, वहीं बैठक में पार्टी के अहम पदाधिकारी मौजूद हैं. इस बैठक को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से पहले काफी अहम माना जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, रविवार को बैठक में कोई प्रस्ताव पास नहीं होगा. सभी प्रस्ताव सोमवार को पेश किए जाएंगे.
यूपी के लिए अलग से नहीं होगा कोई सत्र
अमित शाह सोमवार शाम को उत्तर प्रदेश के पार्टी सभी सांसदों से चुनावी रणनीति पर बैठक करेंगे. कार्यकारिणी में अलग से यूपी पर कोई सत्र नहीं होगा. अमित शाह और मोदी के भाषण में यूपी पर फोकस होगा. रविवार को अध्यक्षीय भाषण के बाद राज्यों की रिपोर्ट के दौरान चर्चा हुई.
इलाहाबाद से चलेगा पीएमओ
संगम नगरी में हो रही बैठक में तमाम मुद्दों समेत आने वाले विधानसभा चुनावों पर चर्चा होगी. बीजेपी पंजाब, गोवा और उत्तराखंड चुनावों पर भी माथापच्ची करेगी, लेकिन एजेंडे में टॉप पर यूपी चुनावों के लिए रणनीति तैयार करना है. प्रधानमंत्री दो दिनों तक दिल्ली छ़ोड़कर इलाहाबाद में रहेंगे, लिहाजा उनका दफ्तर यानी पीएमओ भी वहीं से चलेगा.
पीएम के लिए बना खास कार्यालय
बताया जाता है कि प्रधानमंत्री के साथ ही पीएमओ के तमाम अधिकारी भी इलाहाबाद पहुंच रहे हैं. उनके लिए खास कार्यालय बनाया गया है, जहां बकायदा कंप्यूटर और इंटरनेट की सुविधा है. अधिकारी अगले दो दिनों तक कार्यालय संबंधी सभी काम यहीं से निपटाएंगे. इस 'पीएमओ' को योग दिवस के लिए बने खास बैकड्रॉप से सजाया गया है. पोस्टर में सूर्य नमस्कार की मुद्राएं दर्शाई गई हैं. इसके निकट ही बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का दफ्तर भी बनाया गया है.
14 साल के वनवास को दूर करने का मौका
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रधानमंत्री की मौजूदगी इस बात का सबूत है कि पार्टी के लिए यूपी चुनाव काफी अहम है. लोकसभा चुनाव में पार्टी को यूपी की 80 सीटों में से 73 पर जीत मिली थी. लिहाजा, विधानसभा चुनाव को लेकर भी हौंसले बुलंद हैं और पार्टी को लग रहा है कि 14 साल के वनवास को दूर करने का यह सही मौका है.
इनमें से कोई होगा सीएम पद का उम्मीदवार
यूपी में बीजेपी को सबसे अधिक माथापच्ची मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर करनी पड़ेगी. यही पार्टी की सबसे बड़ी चुनौती है. हालांकि, राज्य में ढेरों स्वयंभू उम्मीदवार सामने आ गए हैं. सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जिन नामों पर विचार होगा उनमें केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति इरानी, केंद्रीय पर्यटन मंत्री महेश शर्मा, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य प्रमुख हैं.
यूपी का चुनावी गणित
राजनाथ सिंह यूपी के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. ऐसे में पार्टी उन्हें सीएम पद का उम्मीदवार बनाकर अगड़ी जाति के वोटबैंक में सेंध लगने की कोशिश को नाकाम कर सकती है. स्मृति इरानी अमेठी में राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़कर खुद को सूबे की सियासत का एक जाना-पहचाना चेहरा बना चुकी हैं. महेश शर्मा ब्राह्मण चेहरा हैं और उन्हें संघ का समर्थन हासिल है. जबकि केशव प्रसाद मौर्य प्रदेश में पार्टी के अध्यक्ष हैं और गैर यादव दलित वोटरों को रिझाने के पार्टी इनके नाम पर दांव खेल सकती है.