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PM मोदी के दौरे से पहले ही भारत की इस मुहिम के साथ जुड़ा ब्रिटेन

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चार दिवसीय कॉमनवेल्थ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट मीटिंग 2018 ( चोगम) के तहत लंदन स्टॉक एक्सेंज में आयोजित एक समारोह में ब्रिटेन ने औपचारिक रूप से गठबंधन की सदस्यता की घोषणा की.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल)
मोहित ग्रोवर
  • नई दिल्ली,
  • 17 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 9:31 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों स्वीडन की यात्रा पर हैं, यहां के बाद वो इंग्लैंड भी जाएंगे. लेकिन प्रधानमंत्री के ब्रिटेन जाने से पहले ही भारत के लिए अच्छी खबर है. पीएम के ब्रिटेन दौरे से पहले ब्रिटेन भारत की अगुवाई वाले अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) में शामिल हो गया.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चार दिवसीय कॉमनवेल्थ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट मीटिंग 2018 ( चोगम) के तहत लंदन स्टॉक एक्सेंज में आयोजित एक समारोह में ब्रिटेन ने औपचारिक रूप से गठबंधन की सदस्यता की घोषणा की.

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आपको बता दें कि इसका उद्देश्य 2030 तक सभी के लिए सस्ती और टिकाऊ ऊर्जा मुहैया कराने के लिहाज से निजी और सार्वजनिक वित्त में एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की राशि जुटाना है. ब्रिटेन की साझेदारी में गठबंधन को विशेषज्ञ और सलाह मिलेगी हालांकि इसमें कोई मौद्रिक योगदान नहीं होगा.

2015 में हुआ था गठन

गौरतलब है कि 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने पेरिस में आईएसए का गठन किया था. जिसके बाद 2016 में ओलांद ने ही इस अलायंस के हेडक्वार्टर की नींव गुड़गांव में रखी थी.

आपको बता दें कि आईएसए 121 ऐसे देशों के बीच संधि आधारित अंतर-सरकारी गठबंधन है जहां अच्छी धूप खिलती है. इसमें शामिल ज्यादातर देश उष्णकटिबंधीय प्रदेश में कर्क और मकर रेखा के बीच स्थित हैं. इन देशों द्वारा सौर ऊर्जा को अपनाए जाने से जीवाश्म ईंधन का प्रयोग कम होने और जलवायु परिवर्तन से प्रभावी तरीके से लड़ने में मदद मिलेगी.

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हाल ही में नई दिल्ली में भारत और फ्रांस द्वारा औपचारिक रूप से संस्थापित आईएसए के समझौते पर 60 देशों ने हस्ताक्षर किए थे. आईएसए के संस्थापन समारोह में 23 देशों के प्रमुखों ने भाग लिया.

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