
एनडीए सरकार ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल को पूर्वोत्तर में तैनात करने और सेना में शामिल करने की मंजूरी दे दी है. यह मिसाइल पड़ोसी देश चीन का सामना करने के लिए महत्वपूर्ण है.
सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में रक्षा पर हुई कैबिनेट बैठक में ब्रह्मोस रेजिमेंट की तैनाती को हरी झंडी दे दी गई है. 'द टाइम्स ऑफ इंडिया' की खबर के मुताबिक एक रेजिमेंट की कीमत 4300 करोड़ रुपये से ज्यादा है.
ब्रह्मोस के एक रेजिमेंट में करीब 100 मिसाइलें, 12x12 हेवी ट्रक के साथ पांच मोबाइल ऑटोनोमस लॉन्चर और एक मोबाइल कमांड पोस्ट होती है.
नॉन-न्यूक्लियर ब्रह्मोस मिसाइल 290 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है. इतना ही नहीं एक सब-सोनिक मिसाइल की तुलना में इसमें 9 गुना ज्यादा काइनेटिक एनर्जी भी है. यह दुश्मन के इलाके में ज्यादा तबाही मचा सकता है. इस मिसाइल को भारत ने रूस के साथ मिलकर बनाया है.