
अमेरिका की सरजमीं से पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नियंत्रण रेखा के पार भारत द्वारा किए गए सर्जिकल हमले यह साबित करते हैं कि भारत अपनी रक्षा के लिए कड़े से कड़े कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया के किसी भी देश ने इन हमलों पर सवाल नहीं उठाए.
वर्जीनिया में एक समारोह के दौरान भारतीय-अमेरिकियों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भारत विश्व को आतंकवाद के उस चेहरे के बारे में समझाने में सफल रहा है, जो देश में शांति और सामान्य जीवन को तबाह कर रहा है.
उन्होंने कहा, 'जब हम आज से 20 साल पहले के आतंकवाद की बात करते हैं, तो दुनिया में कई लोगों ने कहा था कि यह कानून और व्यवस्था से जुड़ी समस्या है और तब वे इसे समझते नहीं थे. अब आतंकियों ने उन्हें आतंकवाद का अर्थ समझा दिया है. इसलिए हमें अब उन्हें समझाने की जरूरत ही नहीं है.'
मोदी ने कहा कि सर्जिकल हमलों ने दिखा दिया कि आम तौर पर संयम के सिद्धांत का पालन करने वाला भारत जरूरत पड़ने पर अपनी संप्रभुता की रक्षा भी कर सकता है और अपनी सुरक्षा सुनिश्चित भी कर सकता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भी जरूरत पड़ी है, हमने ऐसा किया है और दुनिया कभी भी हमें रोक नहीं पाएगी.
उन्होंने प्रवासी भारतीयों से कहा, 'भारत ने जब सर्जिकल हमले किए तो विश्व को हमारी ताकत का अहसास हो गया. विश्व ने देखा कि वैसे तो हम संयम बरतते हैं लेकिन आतंकवाद से निपटने और खुद की सुरक्षा करने के दौरान जरूरत पड़ने पर भारत अपनी शक्ति एवं पराक्रम भी दिखा सकता है. भारत ने पिछले साल उरी हमले के 11 दिन बाद 29 सितंबर को नियंत्रण रेखा के पार आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल हमले किए थे. उरी हमले में 19 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे.'
प्रधानमंत्री ने कहा कि नियंत्रण रेखा के पार हमले करने को लेकर विश्व भारत को कटघरे में खड़ा कर सकता था लेकिन पहली बार ऐसा हुआ कि पाकिस्तानी धरती पर आतंकी शिविरों के खिलाफ सर्जिकल हमले करने के भारत के इतने बड़े कदम पर दुनिया के किसी भी देश ने एक सवाल तक नहीं उठाया.
मोदी ने पाकिस्तान पर एक और तंज कसते हुए कहा, 'हां, उन लोगों की बात और है, जो सर्जिकल हमलों का शिकार बने. उनकी यह बात सुनकर वहां बैठे श्रोता ठहाके लगाने लगे. दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामकता पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अपने लक्ष्यों की पूर्ति के लिए वैश्विक व्यवस्था को भंग करने में यकीन नहीं रखता.'
उन्होंने कहा, 'यह भारत की परंपरा और संस्कृति है. हम अंतरराष्ट्रीय नियमों से बंधे हैं क्योंकि यह हमारा चरित्र और प्रकृति है. हमारे लिए वसुधैव कुटुंबकम महज शब्द नहीं हैं. यह हमारा चरित्र एवं प्रकृति है. प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय नियमों और कानूनों का पालन करते हुए भी भारत अपनी संप्रभुता, सुरक्षा, शांति के लिए, अपने लोगों और प्रगति के लिए कड़े से कड़े कदम उठाने में सक्षम है.'