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मुंबई में फिल्म कलाकारों के बीच पीएम मोदी बोले- How's the josh?, जवाब मिला- High Sir

PM Narendra Modi inaugurated National Museum of Indian Cinema  करीब 140.61 करोड़ रुपये की लागत से बने नेशनल म्यूज़ियम ऑफ इंडियन सिनेमा का शनिवार को नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया. यह म्यूजियम दक्षिणी मुंबई में स्थ‍ित है.

नेशनल म्यूज‍ियम ऑफ इंडियन सिनेमा के उद्धघाटन के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी नेशनल म्यूज‍ियम ऑफ इंडियन सिनेमा के उद्धघाटन के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 19 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 12:14 PM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को दक्षिणी मुंबई स्थित 'नेशनल म्यूज़ियम ऑफ इंडियन सिनेमा' (NMIC) देश को समर्पित किया. इस दौरान उन्होंने म्यूजियम का बारीकी से निरीक्षण किया. उद्घाटन समारोह के दौरान सूचना एवं प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर, सीबीएफसी प्रमुख प्रसून जोशी, आशा भोसले, एआर रहमान, जीतेंद्र, रणधीर कपूर, आमिर खान व अन्य सितारे मौजूद रहे. इस दौरान पीएम मोदी ने हाल ही में आई फिल्म Uri के एक डायलॉग से अपनी बात की शुरुआत की. उन्होंने अपनी बात शुरू करने से पहले हॉल में मौजूद लोगों से पूछा- हाऊ इज द जोश?

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बता दें कि श्याम बेनेगल की अध्यक्षता में संग्रहालय सलाहकार समिति के मार्गदर्शन में इस 'नेशनल म्यूज़ियम ऑफ इंडियन सिनेमा' को तैयार किया गया है. इसकी लागत करीब 140.61 करोड़ रुपये बताई जा रही है. ये चार सालों में बनकर तैयार हुआ है.

देश का यह अपने तरह का इकलौता संग्रहालय है. यह दो इमारतों 'नवीन संग्रहालय भवन' और 19वीं शताब्दी के ऐतिहासिक महल 'गुलशन महल' में स्थित है. ये दोनों ही इमारतें मुंबई में फिल्म प्रभाग परिसर में हैं.

संग्रहालय में ये 4 प्रदर्शनी

इस संग्रहालय में चार प्रदर्शनी हॉल हैं, जिनकी खासियत इस तरह है.

गांधी और सिनेमा : इस प्रदर्शनी में खास तौर से महात्मा गांधी के जीवन पर बनी फिल्में मौजूद हैं. इसके जरिये यह दिखाने की कोशिश की गई है कि सिनेमा पर उनके जीवन का क्या प्रभाव पड़ा.

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बाल फिल्म स्टूडियो : यहां आगुंतकों, खासकर बच्चों को फिल्म प्रोडक्शन के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और कला को जानने का मौका मिलेगा. इस हॉल में कैमरा, लाइट, शूटिंग और अभिनय से जुड़ी जानकारियां उपलब्ध होंगी.

प्रौद्योगिकी, रचनात्मकता और भारतीय सिनेमा : यहां भारतीय फिल्मकारों द्वारा प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की जानकारी मिलेगी. रजत पटल पर फिल्मकारों के सिनेमाई प्रभाव को भी पेश किया गया है.

भारतीय सिनेमा : यहां देशभर की सिनेमा संस्कृति को दिखाया गया है.

गुलशन महल एएसआई ग्रेड - धरोहर संरचना है.  इसे एनएमआईसी परियोजना का हिस्से माना गया है. यहां पर भारतीय सिनेमा के 100 वर्ष से अधिक की यात्रा दर्शाई गई हैः इसे 9 वर्गो में विभाजित किया गया है, जिनमें सिनेमा की उत्पत्ति, भारत में सिनेमा का आगमन, भारतीय मूक फिल्म, ध्वनि की शुरुआत, स्टूडियो युग, द्वितीय विश्व युद्ध का प्रभाव, रचनात्मक जीवंतता, न्यू वेव और उसके उपरांत तथा क्षेत्रीय सिनेमा शामिल हैं.

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