
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 72वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले के प्राचीर से देश को संबोधित किया. अपने भाषण में उन्होंने सरकार की योजनाओं से लेकर गरीब, आतंरिक सुरक्षा और महिला सुरक्षा जैसे तमाम मुद्दों पर बात रखी.
भाषण की मुख्य बातें:
- संसद ने ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया और उनके हकों की रक्षा का प्रयास किया है.
-2014 से अब तक मैं अनुभव कर रहा हूं कि सवा सौ करोड़ देशवासी सिर्फ सरकार बनाकर रुके नहीं. वो देश बनाने में जुटे हैं और जुटे रहेंगे.
-2013 में जिस रफ्तार से हमारा देश चल रहा था उसे आधार मानें और जो पिछले चार सालों में काम हुए हैं, उन कामों का लेखा-जोखा लें तो आपको अचरज होगा कि देश की रफ्तार क्या है, गति क्या है और प्रगति कैसे आगे बढ़ रही है.
-2013 की रफ्तार से चलते शत प्रतिशत शौचालय पहुंचाने में बरसों लग जाते. गांव में बिजली पहुंचाने में एक-दो दशक और लग जाते.
-जिस रफ्तार से 2013 में गैस कनेक्शन दिया जा रहा था, अगर वही पुरानी रफ्तार होती तो देश के हर घर में सालों तक भी गैस कनेक्शन नहीं पहुंच पाता.
-जिस रफ्तार से 2013 में गांवों तक ऑप्टिकल फाइबर पहुंचाने का काम चल रहा था, उस रफ्तार से देश के हर गांव को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ने में कई पीढ़ियां गुजर जातीं.
-प्राकृतिक आपदा से बचाने के लिए सेना पहुंच जाती है. वही सेना जब संकल्प लेकर चलती है, तो सर्जिकल स्ट्राइक करके दुश्मनों के दांत खट्टे करके आती है.
-किसानों को डेढ़ गुना एमएसपी की फाइलें सालों से लटकी हुई थीं, लेकिन हमने इसे लागू करने का फैसला किया.
आज हमारा पूरा ध्यान कृषि क्षेत्र में बदलाव लाने का, आधुनिकता लाने का है.
-सभी लोग जीएसटी चाहते थे, लेकिन फैसला नहीं हो पाया. आज देश ने जीएसटी लागू कर दिया और व्यापारियों में एक नया विश्वास पैदा हुआ. व्यापारियों ने आरंभ में कठिनाइयां आने के बावजूद जीएसटी को स्वीकार किया.
-जब हौसले बुलंद होते हैं, देश के लिए कुछ करने का इरादा होता है तो बेनामी संपत्ति का कानून भी लागू होता है. हम कड़े फैसले लेने का सामर्थ्य रखते हैं क्योंकि देशहित हमारे लिए सर्वोपरी है.
-2014 से पहले दुनिया की गणमान्य संस्थाएं और अर्थशास्त्री कभी हमारे देश के लिए क्या कहा करते थे, वो भी एक जमाना था कि हिंदुस्तानी की इकॉनोमी बड़ी रिस्क से भरी है वही लोग आज हमारे रिफॉर्म की तारीफ कर रहे हैं.
-दुनिया कह रही है कि सोया हुआ हाथी अब उठ गया है और आने वाले तीन दशक तक भारत विश्व के विकास का नया स्त्रोत बनने वाला है.
-नॉर्थ-ईस्ट आजकल उन खबरों को लेकर आ रहा है जो देश को प्रेरणा दे रहा है: बिजली पहुंचाने काम तेजी से चल रहा है, वहां बीपीओ खुल रहे हैं, ऑर्गेनिक हब और नए शिक्षण संस्थान खुल रहे हैं. एक समय था जब नॉर्थ ईस्ट को लगता था कि दिल्ली बहुत दूर है, आज हमने दिल्ली को नॉर्थ ईस्ट के दरवाजे पर लाकर खड़ा कर दिया है.
-हमारी सरकार की उज्जवला और सौभाग्य योजना ने नागरिकों को सम्मान से रहने का अवसर दिया. WHO ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि स्वच्छता अभियान के कारण 3 लाख बच्चे मरने से बच गए हैं. पिछले 2 साल में 5 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं.
-गरीबों को इलाज के लिए प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान और आयुष्मान भारत के तहत शुरुआत में देश के 10 करोड़ परिवारों को लाभ मिलेगा. हर परिवार को पांच लाख रुपया सालाना का बीमा होगा. इसके तहत गंभीर बीमारियों का इलाज किया जाएगा. 25 सितंबर को पंडित दीन दयाल की जयंती पर, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना शुरू कर दी जाएगी.
-आज देश ईमानदारी का उत्सव मना रहा है. देश के ईमानदार करदाताओं से कहना चाहता हूं कि आपके पैसों से ये योजनाएं चलती हैं और इनका पुण्य सरकार को नहीं, आपको मिलता है. ईमानदार करदाता के पैसे से गरीब खाना खाता है. 2013 तक डायरेक्ट टैक्स देने वालों की संख्या 4 करोड़ थी. आज ये संख्या पौने सात करोड़ हो गई है. 70 साल इनडायरेक्ट टैक्स का आंकड़ा 70 लाख पहुंचा था, लेकिन पिछले एक वर्ष में ये आकंड़ा 1 करोड़ 16 लाख तक पहुंच गया.
-बलात्कार जैसी राक्षसी मनोवृत्ति से समाज को मुक्त कराना होगा. मध्य प्रदेश में बलात्कार के केस में 5 दिन में फांसी की सजा सुनाई दी गई. फांसी की खबरें जितनी ज्यादा प्रचारित होंगी, राक्षसी मानसिकता वालों को भय होना चाहिए. क्योंकि हमें ऐसी सोच पर चोट करनी है.
-तीन तलाक की कुरूति ने मुस्लिम महिला बहनों की जिंदगी को तबाह कर दिया है. हमने संसद में कानून लाकर मुस्लिम महिलाओं को इस कुरूति से मुक्ति दिलाने का बीड़ा उठाया है, लेकिन कुछ लोग यह नहीं होने देते. मैं वादा करता हूं कि आपको न्याय दिलाने के लिए काम करता रहूंगा.
-जम्मू-कश्मीर के लिए अटल जी का आह्वान था- इंसानियत, कश्मीरियत, जम्हूरियत. मैंने भी कहा है, जम्मू-कश्मीर की हर समस्या का समाधान गले लगाकर ही किया जा सकता है. कश्मीर में लोकतांत्रिक इकाइयों को और मजबूत करने के लिए लंबे समय से टल रहे पंचायत और निकाय चुनाव भी जल्द कराये जाने की तैयारी चल रही है.