
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में भारत में न्यायपालिका के संकट, आम बजट, जीएसटी, रोजगार, भारत के आर्थिक विकास की दर और अपनी सरकार के कामकाज समेत कई अहम मामलों पर अपनी राय रखी है. दो दिन पहले ही उन्होंने एक निजी हिंदी समाचार चैनल को इंटरव्यू दिया था. जानिए, उनके नए इस इंटरव्यू की 10 खास बातें.
1- कांग्रेस मुक्त से मेरा आशय किसी पार्टी या संगठन विशेष से नहीं था बल्कि एक कल्चर से था जिसमें जातिवाद, परिवारवाद, भ्रष्टाचार, सत्ता को दबोचकर रखना जैसी बुराइयां शामिल हैं. मैं चाहता हूं कि कांग्रेस भी 'कांग्रेसमुक्त' हो.
2- तीन तलाक बिल के राज्य सभा से पास न हो पाने पर, 'मैं मानता था कि कांग्रेस राजीव गांधी के दौर की गलती (शाहबानो प्रकरण) से सीखी होगी. तीन तलाक पीड़िताओं की दास्तां आंखों में आंसू ला देने वाली थीं. अगर कांग्रेस नहीं समझ सकी तो मन में पीड़ा होती है कि राजनीति कितनी नीचे गिर गई. उन्हें भी शायद भीतर से पीड़ा होती होगी लेकिन राजनीति की वजह से सामने नहीं लाते होंगे.'
3- आगामी आम बजट कोई लोकलुभावन बजट नहीं होगा और सरकार सुधारों के अपने एजेंडे पर ही चलेगी. बजय बनाना वित्त मंत्री के दायरे में आता है और मैं इस काम में हस्तक्षेप नहीं करना चाहता.
4- जनता ईमानदार सरकार चाहती है. लोग मुफ्त की चीजें और छूट नहीं चाहते हैं. मुफ्त की चीज की चाहत आपकी कोरी कल्पना है.
5- जीएसटी की कमियों को दूर करने के लिए हम बदलाव के लिए तैयार हैं. ताकि इसे अधिक कारगर प्रणाली बनाया जा सके और इसकी खामियां दूर हों.
6- रोजगार नहीं बढ़ने के विषय में 'झूठी' बातें फैलाई जा रही हैं. यूपीए के 10 साल और हमारे तीन साल के काम की तुलना होनी चाहिए.
7- सरकार और राजनीतिक दलों को न्यायपालिका के संकट से दूर रहना चाहिए.
8- (दावोस में वर्ल्ड इकनोमिक फोरम में जाने पर) भारत ने दुनिया को अपनी शक्ति का परिचय दिया है, इसलिए यह स्वाभाविक है कि दुनिया भी भारत के बारे में जानना चाहती है. दुनिया यह जानकारी भारत से (भारत के शासनाध्यक्ष से) सीधे प्राप्त करना चाहती है.
9- स्वच्छ और स्पष्ट नीतियों के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था फल-फूल रही है और उद्यमी जोखिम उठाने लगे हैं. भारत बड़े आर्थिक अवसरों का देश और वैश्विक निवेश का आकर्षक गंतव्य बन गया है.
10- लोगों के पास हमारी आलोचना करने के लिए विषय ही नहीं है, वे सोचते हैं कि किस बात पर आलोचना करें.