
लोकसभा में बुधवार को अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कांग्रेस की नीतियों पर जमकर हमला किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस रोजगार को लेकर परेशान नहीं है बल्कि उसके शासन में बिचौलियों की बल्ले बल्ले थी लेकिन आधार लागू करने से बिचौलियों का रोजगार छिन गया इसलिए कांग्रेस दुखी है. प्रधानमंत्री ने NPA का भी जिक्र किया और कहा कि ये कांग्रेस के नीतियों का नतीजा था और हमारी सरकार ने इसे खत्म करने के लिए कदम उठाया. प्रधानमंत्री ने कहा कि एनपीए पर कांग्रेस के पाप को जानते हुए भी मैं चुप था लेकिन देश सब जानता है.
उन्होंने कहा कि देश को पता चलना चाहिए कि इसके पीछे पुरानी सरकार का कारोबार है. वही इसके लिए 100 फीसद जिम्मेदार है. पीएम ने दावा किया कि कांग्रेस सरकार ने ऐसी बैंकिंग नीतियां बनाईं, जिसमें बैंकों पर दबाव डालकर चहेतों को लोन दिलवाए गए. बैंक, सरकार और बिचौलियो की गठजोड़ से देश लूटा जा रहा था. बैंकों से अरबों-खरबों दे दिया गया.
सरकार में अगर मुझे राजनीति करनी होती तो पहले ही दिन देश के सामने वो सारे तथ्य रख देता, लेकिन उस समय में ऐसी बात करने से अर्थव्यवस्था डगमगा जाती. इसलिए आपके (कांग्रेस) पापों को जानते हुए मैंने देश की भलाई के लिए खुद को मौन रखा और आरोप झेलता रहा. ये एनपीए आपका पाप था. हमारी सरकार आने के बाद एक भी लोन ऐसा नहीं दिया गया, जिसमें एनपीए की नौबत आई हो.
पीएम मोदी ने कांग्रेस द्वारा दिए गए एनपीए के आंकड़ों को भी गलत करार दिया. पीएम ने कहा, 'आपने बताया था कि एनपीए 36% है, लेकिन जब कागजात खंगालने शुरू किए तो 82 फीसदी एनपीए निकला.'
पीएम ने सदन को बताया कि कांग्रेस के समय 52 लाख करोड़ रुपये का NPA था. NPA के लिए कांग्रेस जिम्मेदार और आज जो आंकड़ा बढ़ रहा है वो आपके पाप पर लग रहा ब्याज है. देश आपको इस पाप के लिए माफ नहीं करेगा.
क्या होता है NPA?
बैंक से लोन लेने वाला कोई देनदार जब EMI देने में नाकाम रहता है, तब उसका लोन अकाउंट नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) कहलाता है. इसे बैड लोन भी कहा जाता है. सामान्य तौर पर देनदारी की लिमिट खत्म होने यानी ड्यू डेट खत्म होने के बाद 90 दिनों के अंदर भुगतान न होने की स्थिति में उसे एनपीए की श्रेणी में डाल दिया जाता है.