
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात के 49वें संस्करण के तहत लोगों को संबोधित किया. प्रधानमंत्री मोदी ने इस मासिक कार्यक्रम में लोगों के साथ अपने विचार साझा किए. जिसमें उन्होंने सरदार वल्लभ भाई पटेल के देश की रियासतों के विलय को लेकर दिए गए योगदान को याद करते हुए कहा कि इस बार पटेल की जयंती कुछ खास होगी.
2. पीएम ने आजादी के बाद देश के राज्यों के विलय के लिए सरदार पटेल को याद किया और कहा कि पटेल ने सभी रियासतों का भारत में विलय कराया. वे पटेल ही थे जिनकी सूझबूझ और रणनीतिक कौशल से आज हम एक हिन्दुस्तान देख पा रहे हैं. इस 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयन्ती तो और भी विशेष होगी. इस दिन सरदार पटेल को सच्ची श्रद्धांजलि देते हुए हम स्टैच्यू ऑफ यूनिटी राष्ट्र को समर्पित करेंगे.
3. उन्होंने कहा कि कल ही हम देशवासियों ने इन्फेंट्री डे मनाया है. इन्फेंट्री डे वही दिन है, जब भारत के तत्कालीन गृह मंत्री सरदार पटेल के सुझाव पर भारतीय सेना के जवान कश्मीर की धरती पर उतरे थे और घुसपैठियों से घाटी की रक्षा की थी. 31 अक्टूबर को हमारी भूतपूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की भी पुण्यतिथि है. पीएम ने इंदिराजी को भी आदरपूर्वक श्रद्धांजलि दी.
4. मोदी ने ये भी कहा कि खेल जगत में स्प्रिट, स्ट्रैंथ, स्किल, स्टेमिना. ये सारी बातें बहुत ही महत्वपूर्ण हैं. यह किसी खिलाड़ी की सफलता की कसौटी होते हैं और यही चारों गुण किसी राष्ट्र के निर्माण के भी महत्वपूर्ण होते हैं.
5. पीएम के मुताबिक, विश्व में जब भी हॉकी की चर्चा होगी तो भारत के इन महान खिलाड़ियों के बिना हॉकी की कहानी अधूरी रहेगी. हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के बाद बलविंदर सिंह सीनियर, लेस्ली क्लौड़ीयस(Leslie Claudius), मोहम्मद शाहिद, उधमसिंह से लेकर धनराज पिल्लई तक हॉकी ने एक बड़ा सफ़र तय किया है.
6. उन्होंने बताया कि पिछले दिनों मैं एक कार्यक्रम में गया था जहां एक पोर्टल लॉन्च किया गया, जिसका नाम है- ‘Self 4 Society’. इस कार्य के लिए उनमें जो उत्साह और लगन है उसे देखकर हर भारतीय को गर्व महसूस होगा.
7. पीएम ने कहा कि यह आश्चर्य की बात नहीं है कि हमारे सबसे पहले स्वतंत्र सेनानियों में आदिवासी समुदाय के लोग ही थे. भगवान बिरसा मुंडा को कौन भूल सकता है.
8. शांति पाठ पढ़ने के बाद मोदी ने कहा कि भारत के लिए इस वर्ष 11 नवंबर का विशेष महत्व है क्योंकि इसी दिन आज से 100 वर्ष पूर्व प्रथम विश्व युद्ध समाप्त हुआ. भारत के लिए प्रथम विश्व युद्ध एक महत्वपूर्ण घटना थी. सही मायने में कहा जाए तो हमारा उस युद्ध से सीधा कोई लेना-देना नहीं था. इसके बावजूद भी हमारे सैनिक बहादुरी से लड़े और बहुत बड़ी भूमिका निभाते हुए सर्वोच्य बलिदान दिया.
9. प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर राज्यों की तारीफ में कहा कि हमारे पूर्वोत्त्ार की बात ही कुछ और है. पूर्वोत्तर का प्राकृतिक सौन्दर्य अनुपम है और यहां के लोग अत्यंत प्रतिभाशाली हैं. हमारे पूर्वोत्तर राज्य अब तमाम best deeds के लिए भी जाने जाते हैं.
10. मोदी ने कहा कि आज सारा विश्व पर्यावरण संरक्षण की चर्चा कर रहे हैं और संतुलित जीवनशैली के लिए नए रास्ते ढूंढ रहे हैं. प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर रहना हमारे आदिवासी समुदायों की संस्कृति में शामिल रहा है. हमारे आदिवासी भाई-बहन पेड़-पौधों और फूलों की पूजा देवी-देवताओं की तरह करते हैं. यह आश्चर्य की बात नहीं है कि हमारे सबसे पहले स्वतंत्र सेनानियों में आदिवासी समुदाय के लोग ही थे. भगवान बिरसा मुंडा को कौन भूल सकता है.
मन की बात कार्यक्रम के आखिर में प्रधानमंत्री ने आने वाले धनतेरस, दीपावली, भैय्या-दूज समेत छठ त्योहार की देशवासियों को शुभकामनाएं दी.