
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज तिरूमला में पहाड़ी पर स्थित भगवान वेंकटेश्वर के प्राचीन मंदिर में पूजा अर्चना की और उनका आशीर्वाद लिया. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि देश में शांति और एकता कायम रहेगी.
प्रधानमंत्री बनने के बाद इस प्राचीन मंदिर की अपनी पहली यात्रा के लिए मोदी दोपहर बाद अमरावती से विमान के जरिए यहां पहुंचे. अमरावती में उन्होंने आंध्रप्रदेश की नई राजधानी की आधारशिला रखी.
आंध्र प्रदेश के राज्यपाल ईएसएल नरसिंहन, मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और केंद्रीय मंत्री अशोक गजपति राजू, वेंकैया नायडू और निर्मला सीतारमण मोदी के साथ मंदिर गए.
वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मंदिर के मुख्य पुजारियों ने मोदी का पारंपरिक ढंग से मंदिर में स्वागत किया और वे उन्हें इस 2000 वर्ष पुराने मंदिर के गर्भगृह में ले गए. मंदिर के अध्यक्ष चंदलवडा कृष्णमूर्ति ने प्रेट्र को बताया कि प्रधानमंत्री मंदिर में करीब आधे घंटे तक रहे. प्रधानमंत्री के मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद उन्हें पवित्र रेशमी वस्त्रम, लड्डू का प्रसादम, एक छोटी शीशी में पवित्र जल और भगवान वेंकटेश का चित्र दिया गया.
मंदिर के रंगमंडपम में प्रधानमंत्री फर्श पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री के साथ बैठे और मुख्य पुजारी ने मंत्रोच्चार के बीच उन्हें आशीर्वाद दिया. बाद में अपने संक्षिप्त संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि विजयादशमी के अवसर पर और नवरात्र के समापन पर भगवान बालाजी के चरणों में आकर वे धन्य हो गए.
प्रधानमंत्री ने कहा , 'भगवान बालाजी का आशीर्वाद पाकर मैं धन्य हो गया. मुझे विश्वास है कि उनके आशीर्वाद से देश में शांति और एकता कायम रहेगी और वह गरीबी से लड़ने में सक्षम होगा.' इससे पहले मोदी ने गत वर्ष एक मई को भाजपा का प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी बनने के बाद इस मंदिर की यात्रा की थी.
-इनपुट भाषा