
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन, मंगोलिया और दक्षिण कोरिया की छह दिनों की यात्रा के बाद मंलवार देर रात स्वदेश लौट आए. इन देशों में उन्होंने द्विपक्षीय वार्ताएं की और इन तीन पूर्वी एशियाई देशों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए.
मोदी ने चीन से अपनी यात्रा की शुरुआत की. उन्होंने तीन देशों के नेतृत्व के साथ व्यापक मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की और अपने ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के लिए निवेशकों को भी लुभाया. उन्होंने चीन की तीन दिवसीय यात्रा शियान से शुरू की, जो चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का होम टाउन है. उनके साथ उन्होंने काफी ठोस चर्चा की, जो पारस्परिक विश्वास को मजबूत करने और सीमा मुद्दे पर केंद्रित थी.
मोदी ने अपने समकक्ष चीनी नेता ली क्विंग से भी बात की और वास्तविक नियंत्रण रेखा को स्पष्ट करने लिए जोर दिया. प्रधानमंत्री इसके बाद मंगोलिया रवाना हुए. यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की उस देश की पहली यात्रा थी. मोदी ने मंगोलिया के प्रधानमंत्री चिमेड सैखानबिलेग के साथ व्यापक मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की. दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय आर्थिक साझेदारी को नये स्तर पर ले जाने का संकल्प लिया.
इस यात्रा के दौरान भारत ने मंगोलिया को बुनियादी ढांचा विकास के लिए एक अरब डॉलर का ऋण मुहैया करने की भी घोषणा की. वहीं दोनों देशों ने अपने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी तक पहुंचाया और असैन्य परमाणु सेक्टर जैसे क्षेत्रों में संभावनाएं तलाशने के लिए रक्षा सहयोग मजबूत करने पर राजी हुए. दक्षिण कोरिया तीन देशों की यात्रा में उनका आखिरी पड़ाव था.
मोदी और राष्ट्रपति पार्क गीयून हाई ने चर्चा की और द्विपक्षीय संबंधों को एक गुणात्मक उच्च स्तर तक ले जाने के लिए नए मायने, गति एवं विषय वस्तु जोड़ने का संकल्प लिया, जिनमें रक्षा, व्यापार और निवेश तथा क्षेत्रीय सहयोग शामिल है. दक्षिण कोरिया ने भारत को स्मार्ट सिटी के बुनियादी ढांचे के विकास, रेलवे, उर्जा उत्पादन और अन्य विविध क्षेत्रों के लिए 10 अरब डॉलर मुहैया करने का फैसला किया. दोनों देश अपने द्विपक्षीय संबंध को एक विशेष रणनीतिक साझेदारी तक पहुंचाने के लिए सहमत हुए.
इनपुट: भाषा