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पावर प्रोजेक्ट का उद्घाटन कर PM मोदी बोले- 1000 दिन में 18000 गांवों में बिजली पहुंचाएंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज जम्मू कश्मीर की यात्रा पर दो जन सभाओं को संबोधित करेंगे और बगलिहार जलविद्युत परियोजना के दूसरे चरण का उद्घाटन भी करेंगे. रैली के मद्देनजर सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं.

पंकज श्रीवास्तव
  • श्रीनगर,
  • 07 नवंबर 2015,
  • अपडेटेड 9:09 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर के लिए 80 हजार करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया. 34 हजार करोड़ रुपये जम्मू-श्रीनगर हाईवे के लिए भी दिए. मोदी ने यह ऐलान श्रीनगर के शेर-ए-स्टेडियम में रैली के दौरान किया. यह हाईवे बनने के बाद जम्मू से श्रीनगर तक चार घंटे लगेंगे. अभी तक सात से आठ घंटे लगते हैं.

मोदी ने रामबन के चंदरकोट में बगलिहार पावर प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया. बोले- मैं एक लक्ष्य रखा है. 1000 दिनों में 18000 गांवों में बिजली पहुंचानी है. 80 हजार करोड़ का जो पैकेज दिया है, उससे मुझे उम्मीद है कि लेह-लद्दाख में सोलर पावर प्रोजेक्ट लगाए जाएंगे.

उमर का पलटवार
उमर अब्दुल्ला ने रैली के तुरंत बाद ट्वीट कर पलटवार किया. कहा कि पीएम मोदी ने कश्मीर को रुपये-पैसे में तौलकर फिर वही गलती दोहराई है.
शासन का मंत्रः सबका साथ, सबका विकास
मोदी ने कहा कि सबका साथ, सबका विकास ही उनके शासन का मंत्र है. मोदी ने भारत को सबसे तेज बढ़ती हुई अर्थव्यवथा बताया. कहा कि यदि हिंदुस्तान का कोई भी कौना पिछड़ा रह गया तो उनका सपना अधूरा रह जाएगा.

मोदी यहां बगलिहार जलविद्युत परियोजना के दूसरे चरण का उद्घाटन भी करेंगे. रैली के मद्देनजर सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं. अतिरिक्त पुलिस और अर्धसैनिक बल जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर तैनात किए गए हैं.

किले में तब्दील हुआ स्टेडियम

अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री की रैली के लिए यहां शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम को आभासी किले में तब्दील कर दिया गया है. इसकी सुरक्षा की कमान विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) ने संभाल ली है. इसे सुरक्षित करने के लिए इसके अंदर और बाहर भारी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. आयोजन स्थल के अंदर और आसपास कई सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं.

गिलानी और मीरवाइज उमर फारूक नजरबंद

अलगाववादी संगठनों ने भी टूरिस्ट रिसेप्शन सेंटर में एक समानांतर रैली करने का आह्वान किया है जो क्रिकेट स्टेडियम से कुछ ही दूरी पर स्थित है. हालांकि अधिकारियों ने उनकी योजना केा नाकाम करने के लिए उन पर कार्रवाई है. कई अलगाववादी नेताओं को एहतियाती तौर पर हिरासत में ले लिया गया है जबकि सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाइज उमर फारूक को नजरबंद कर दिया गया है.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जम्मू क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात बीएसएफ के जवानों को भी चौकन्ना रहने को कहा गया है ताकि सीमा पार से घुसपैठ की कोई भी कोशिश नाकाम की जा सके.

उप मुख्यमंत्री निर्मल सिंह की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में प्रधानमंत्री की रैली के लिए सुरक्षा बंदोबस्त की समीक्षा की गई है. इस बीच विपक्षी नेकां के नेता उमर अब्दुल्ला ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने मोदी की रैली में पुलिसकर्मियों और दिहाड़ी मजदूरों सहित सरकारी कर्मचारियों को शरीक होने का निर्देश जारी किया है.

उमर ने ट्वीट किया कि सहकर्मियों ने उन्हें बताया कि उनके जम्मू कश्मीर पुलिस के कर्मियों को सात नवंबर की प्रधानमंत्री की रैली में शरीक होने का आदेश दिया गया है.

पूर्व मुख्यमंत्री ने यह दावा भी किया कि विशेष पुलिस अधिकारियों, आंगनबाड़ी सेविकाओं और दिहाड़ी मजदूरों को भी इसी तरह के निर्देश जारी किए गए हैं क्योंकि पीडीपी कार्यकर्ता मोदी की रैली में जाने को इच्छुक नहीं हैं. एक अन्य ट्वीट में उमर ने कहा कि मोदी की रैली के लिए सरकारी प्रणालियों का इस्तेमाल किया जाना शर्मनाक है.

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