Advertisement

पीएम मोदी का लेख:‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' भारत की भौगोलिक एकजुटता का प्रतीक

पीएम ने लिखा कि सरदार पटेल ने उपनिवेशवाद के इतिहास को ढहाने के लिए अभूतपूर्व गति से काम किया और राष्ट्रवाद की भावना के साथ एकता के भूगोल की रचना की.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो:पीटीआई) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो:पीटीआई)
विवेक पाठक
  • नई दिल्ली,
  • 31 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 8:50 AM IST

देश के पहले गृहमंत्री, लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 143वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजली अर्पित करते हुए भारतीय रियासतों को एकीकृत करने, देश की एकता और अखंडता अछुण रखने में उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए याद किया.

सैकड़ों रियासतों को एकीकृत किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अखबारों में अपने लेख में कहा कि 1947 में आजादी के साथ भारत का विभाजन भी अंतिम चरण में था. पूरी तरह से साफ नहीं थी कि क्या देश का एक से अधिक बार विभाजन होगा? सबसे बड़ी चिंता भारत की एकता को लेकर थी. गृह विभाग का प्रमुख लक्ष्य उन 550 से भी अधिक रियासतों से भारत के साथ उनके रिश्तों के बारे में बातचीत करना था, जिनके आकार, आबादी, भू-भाग, आर्थिक स्थितियों में काफी भिन्नताएं थीं. उस समय महात्मा गांधी ने कहा था कि ‘राज्यों की समस्या इतनी ज्यादा विकट है कि सिर्फ ‘आप’ ही इसे सुलझा सकते हैं.’

Advertisement

पीएम मोदी ने लिखा कि समय कम था और जवाबदेही बहुत बड़ी थी. लेकिन इसे अंजाम देने वाली शख्सियत कोई साधारण व्यक्ति नहीं, बल्कि सरदार पटेल थे, जो इस बात के लिए दृढ़-प्रतिज्ञ थे कि वह किसी भी सूरत में राष्ट्र को झुकने नहीं देंगे. उन्होंने और उनकी टीम ने एक-एक करके सभी रियासतों से बातचीत की. सभी रियासतों को ‘आजाद भारत’ का अभिन्न हिस्सा बनाना सुनिश्चित किया. उनकी बदौलत ही आधुनिक भारत का वर्तमान एकीकृत मानचित्र हम देख रहे हैं.

देश का प्रशासनिक ढांचा खड़ा किया

अपने लेख में पीएम मोदी ने लिखा कि स्वतंत्र भारत के प्रथम गृह मंत्री के रूप में सरदार पटेल ने प्रशासनिक ढांचा बनाने का काम प्रारंभ किया, जो आज भी जारी है- चाहे यह दैनिक शासन संचालन का मामला हो तथा लोगों, विशेषकर गरीबों और वंचितों के हितों की रक्षा का मामला हो. सरदार पटेल एक अनुभवी प्रशासक थे. प्रशासन में उनका अनुभव विशेषकर 1920 के दशक में अहमदाबाद नगरपालिका में उनकी सेवा का अनुभव, स्वतंत्र भारत के प्रशासनिक ढांचे को मजबूत बनाने में सहायक साबित हुआ.

Advertisement

सहकारिता में अभूतपूर्व योगदान

सहकारिता के क्षेत्र में सरदार पटेल के योगदान को याद करते हुए पीएम मोदी ने लिखा कि अगर भारत जीवंत सहकारिता क्षेत्र के लिए जाना जाता है, तो इसका श्रेय सरदार पटेल को जाता है. ग्रामीण समुदायों, विशेषकर महिलाओं को सशक्त बनाने का उनका विजन अमूल परियोजना में दिखता है. यह सरदार पटेल ही थे, जिन्होंने सहकारी आवास सोसायटी के विचार को लोकप्रिय बनाया और इस प्रकार अनेक लोगों के लिए सम्मान और आश्रय सुनिश्चित किया.  

सरदार पर सभी को था भरोसा

पीएम मोदी ने लिखा कि सरदार पटेल के राजनीतिक मित्र भी उन पर भरोसा करते थे. आचार्य कृपलानी का कहना था कि जब कभी वह किसी दुविधा में होते और यदि बापू का मार्गदर्शन नहीं मिल पाता था, तो वह सरदार पटेल का रुख करते थे. साल 1947 में जब राजनीतिक समझौते के बारे में विचार-विमर्श अपने चरम पर था, तब सरोजिनी नायडू ने उन्हें ‘संकल्प शक्ति वाले गतिशील व्यक्ति’ की संज्ञा दी थी. उनके शब्दों और उनकी कार्य-प्रणाली पर सभी को पूरा विश्वास था.  

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा कि इस वर्ष सरदार की जयंती और अधिक विशेष है. 130 करोड़ भारतीयों के आशीर्वाद से आज ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का उद्घाटन किया जा रहा है. मैं 31 अक्तूबर, 2013 के उस दिन को याद करता हूं, जब हमने इस महत्वाकांक्षी परियोजना की आधारशिला रखी थी. रिकॉर्ड समय में इतनी बड़ी एक परियोजना तैयार हो गई और प्रत्येक भारतीय को इससे गौरवान्वित होना चाहिए. ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ दिलों की एकता और हमारी मातृभूमि की भौगोलिक एकजुटता का प्रतीक है. यह याद दिलाता है कि आपस में बंटकर शायद हम डटकर मुकाबला नहीं कर पाएं. एकजुट रहकर हम दुनिया का सामना कर सकते हैं और विकास तथा गौरव की नई ऊंचाइयों को छू सकते हैं.

Advertisement

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement