
बहुजन समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मायावती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लखनऊ की रामलीला में शामिल होने को चुनावी स्वार्थ से प्रेरित बताया है. मायावती का कहना है कि प्रधानमंत्री ने लखनऊ की रामलीला में शामिल होकर जिस नई परंपरा की शुरुआत की है, वह महज राजनीति व चुनावी स्वार्थ वाला कदम है.
बसपा सुप्रीमो का कहना है कि मोदी रामलीला में शामिल होकर जो राजनीतिक संदेश देना चाहते थे. वह इससे स्पष्ट था कि रामलीला मैदान के आसपास जो बड़े-बड़े पोस्टर बैनर और होर्डिंग लगाए गए थे. वह सर्जिकल स्ट्राइक की सफलता के लिए सेना की बजाय उन्हें ही ज्यादा क्रेडिट दे रहे थे. जो एकदम गलत है.
मायावती का कहना है कि इस मौके पर मोदी ने आतंकवाद को खत्म करने के लिए जो जटायु और श्रीराम के बारे में कहा, वह तो ठीक है. मगर आतंकी कैंपो पर सर्जिकल स्ट्राइक करने पर सेना की तारीफ न करना दुखद बात है.
'सिर्फ उपदेश न दें मोदी'
युद्ध से बुद्ध के रास्ते पर जाने के प्रधानमंत्री के बयान पर मायावती का कहना है कि युद्ध से बुद्ध के रास्ते को जाने की बजाय बेहतर होगा कि अपना देश व पूरी दुनिया पहले ही बुद्ध के रास्तों पर चलने का सही प्रयास करें. ताकि फिर युद्ध
की जरूरत ना पड़े. गौतम बुद्ध का संदेश संपूर्ण मानवता के लिए है. उसी के हिसाब से ही कर्म करने की जरूरत है. केवल उपदेशों से देश व समाज की तकदीर बदलने वाली नहीं है.
मायावती का यह भी कहना था कि मोदी ने जो अपने भाषण में अनेकों सामाजिक बुराई गिनाकर उन्हें समाप्त करने की अपील की थी। उस अपील मात्र से काम नहीं चलेगा. बल्कि इसके लिए केंद्र की सरकार के साथ साथ बीजेपी शासित राज्यों को इससे जुड़े कानूनों को और सख्ती से अमल करना होगा, जो फिलहाल कहीं दिखाई नहीं दे रहा है.
'जुमलेबाजी करते हैं मोदी'
मायावती ने कहा कि समाजिक बुराइयों से लड़ने के लिए सिर्फ उपदेश नहीं सरकार को कुछ करके दिखाना होगा. मोदी इन सब को लेकर जुमलेबाजी करते हैं. मायावती का कहना है कि इन सब के लिए बाबा साहब भीमराव अंबेडकर
के बताए रास्ते पर चलना होगा.