
संकट में चल रहे पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक (PMC) के बारे में नित नए खुलासे हो रहे हैं. अब इसके निलंबित हो चुके पूर्व एमडी जॉय थॉमस ने बताया है कि बैंक द्वारा दिए गए लोन का करीब 73 फीसदी हिस्सा सिर्फ एक कंपनी हाउिसंग डेवलपमेंट ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर (HDIL) को दिया गया है, जो कि दिवालिया होने की प्रक्रिया से गुजर रही है. जॉय ने इस बारे में जानकारी देते हुए रिजर्व बैंक को एक लेटर लिखा है.
पूर्व एमडी ने बताया कि बैंक का समूचा लोन एसेट 8,880 करोड़ रुपये का है, लेकिन एचडीआईएल को 6,500 करोड़ रुपये का लोन दिया गया जो कि इसका 73 फीसदी है और जरूरी नियामक सीमा का चार गुना है. न्यूज एजेंस पीटीआई ने एक सूत्र के हवाले से बताया कि जॉय ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को लिखे एक लेटर में यह खुलासा किया है. इसके पहले एक बोर्ड मेंबर ने बैंक की वास्तविक बैलेंस सीट लीक करते हुए रिजर्व बैंक को भेज दी थी.
सूत्र के मुताबिक, 'इस लेटर में थॉमस ने यह स्वीकार किया है कि 19 सितंबर, 2019 तक एचडीआईएल ग्रुप को दिया गया लोन 6,500 करोड़ रुपये से ज्यादा है, जो कि कुल 8,800 करोड़ रुपये के लोन बहीखाते का करीब 73 हिस्सा है.'
क्या हुई कार्रवाई
पिछले हफ्ते रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने पंजाब ऐंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी हैं. आरबीआई ने यह कार्रवाई बैंकिग रेलुगेशन एक्ट, 1949 के सेक्शन 35ए के तहत की है.
अब बैंक में कोई नया फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट नहीं खुल सकेगा. इसके अलावा बैंक के नए लोन जारी करने पर भी पाबंदी लगा दी गई है. यही नहीं, बैंक के ग्राहक अगले 6 महीने तक 1000 रुपये से अधिक पैसा नहीं निकाल सकेंगे.
गौरतलब है कि कर्ज में डूबी एचडीआईएल अब इनसॉल्वेंसी ऐंड बैंकरप्शी कोड (IBC) के तहत इनसॉल्वेंसी प्रोसिडिंग का सामना कर रही है. कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के विफल हो जाने के बाद कंपनी गंभीर रूप से नकदी संकट का सामना कर रही है. पीएमसी के अलावा कंपनी को बैंक ऑफ इंडिया, कॉरपोरेशन बैंक, सिंडिकेट बैंक, इंडियन बैंक और देना बैंक ने कर्ज दे रखा था.
कैसे हुआ खुलासा
सूत्र के अनुसार, पिछले दो-तीन साल से बैंक के एनपीए को छिपाने और एचडीआईएल को दी गई कर्ज की मात्रा की जानकारी पीएमसी बोर्ड के ही एक सदस्य ने रिजर्व बैंक को दे दी थी, जिसकी वजह से जॉय थॉमस को पद छोड़ना पड़ा था. इसके बाद थॉमस ने साढ़े तीन पेज के एक लेटर में यह सफाई दी थी कि एचडीआईएल ग्रुप को लोन मंजूर करने में उनके साथ बैंक के 6 और प्रमुख लोग शामिल थे. इनमें चेयरमैन वरियाम सिंह, दो वरिष्ठ अधिकारी और कई बोर्ड सदस्य शामिल थे. उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि एचडीआईएल को साल 2008 से ही लोन दिया जा रहा था.
शुक्रवार को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी थॉमस ने यह स्वीकार किया था कि एचडीआईएल को दिए गए कर्ज के एनपीए होने की बात बैंक ने छिपाई थी. बैंक असल में इस बारे में रिजर्व बैंक की कार्रवाई से बचना चाहता था, क्योंकि इससे बैंक की तरक्की पर असर पड़ सकती थी.