
आरबीआई की पाबंदी झेल रहे पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक के खाताधारकों का संघर्ष जारी है. इसी के तहत शनिवार को मुंबई में बैंक के खाताधारकों ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) मुख्यालय के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया.
इस दौरान एक बुजुर्ग महिला बेहोश हो गई तो वहीं कुछ अन्य प्रदर्शनकारियों के बेहोश होने की भी खबरें आ रही हैं. जानकारी के मुताबिक बुजुर्ग महिला अन्य जमाकर्ताओं के साथ आरबीआई की बिल्डिंग के सामने विरोध प्रदर्शन कर रही थी. उसी समय महिला अचानक बीमार पड़ गई. इसके बाद पुलिस और अन्य प्रदर्शनकारियों की मदद से महिला का अस्पताल ले जाया गया. बता दें कि अब तक पीएमसी बैंक के 4 खाताधारकों की अलग-अलग वजह से जान जा चुकी है.
इस बीच, बीते शुक्रवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की पाबंदी के खिलाफ दाखिल अर्जी को सुप्रीम कोर्ट ने सुनने से इनकार कर दिया. दरअसल, दिल्ली के बिजोन कुमार मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की. इस अर्जी पर सुनवाई से इनकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाई कोर्ट जाने के लिए कहा है.
क्यों पीएमसी बैंक के ग्राहक हैं परेशान?
दरअसल, पीएमसी बैंक पर आरबीआई नियमों के उल्लंघन और गुमराह करने का आरोप है. यही वजह है कि आरबीआई पीएमसी बैंक पर 6 महीने के लिए पाबंदी लगा दी है. इसी के साथ बैंक के ग्राहकों के कैश निकालने की लिमिट भी तय कर दी गई है. पीएमसी बैंक के ग्राहक 6 महीने में सिर्फ 40 हजार रुपये निकाल सकेंगे. बैंक के ग्राहक नए लोन भी नहीं ले सकते हैं.
इन हालातों में जरूरतमंद ग्राहक बैंक से अपने ही पैसे को नहीं निकाल पा रहे हैं और उन्हें रोजमर्रा की जिंदगी में परेशानियां झेलनी पड़ रही है. बता दें कि करीब 35 साल पुराने पीएमसी बैंक के 50 हजार से अधिक खाताधारक हैं. वहीं बैंक में ग्राहकों के 11 हजार 617 करोड़ रुपये डिपॉजिट हैं. देश के अलग-अलग हिस्सों में पीएमसी बैंक की 137 शाखाएं हैं. वहीं बैंक का मुख्यालय मुंबई में है.
कितना बड़ा है पीएमसी बैंक का फ्रॉड?
देश के एजेंसियों की शुरुआती जांच में 6,500 करोड़ रुपये के फ्रॉड की आशंका है. जांच में बैंक के पूर्व एमडी समेत रियल एस्टेट कंपनी हाउिसंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर (HDIL) के प्रमोटर्स की गिरफ्तारी हो चुकी है. बैंक के मैनेजमेंट पर आरोप है कि HDIL को ऐसे समय में लोन दिया गया जब यह कंपनी दिवालिया होने की प्रक्रिया से गुजर रही थी. पीएमसी बैंक का समूचा लोन एसेट यानी कर्ज देने की क्षमता 8,880 करोड़ रुपये का है, लेकिन HDIL को 6,500 करोड़ रुपये का लोन दिया गया जो कि इसका 73 फीसदी है. यह लोन देने की लिमिट का चार गुना ज्यादा है. यही नहीं, पीएमसी बैंक ने इस मामले में आरबीआई को गुमराह भी किया.