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अपने राजनीतिक करियर में ऐसी डरानेवाली स्थिति नहीं देखी: शहबाज शरीफ

शाहबाज शरीफ ने संकेत दिए हैं कि उनकी पार्टी चुनाव में हुई धांधली के खिलाफ प्रदर्शन करेगी. हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि चुनाव में धांधली करने का संदेह उन्हें किस पर है, लेकिन चुनाव को प्रभावित करने का आरोप देश की प्रभावशाली सेना पर लगाया गया है.

शाहबाज शरीफ शाहबाज शरीफ
रणविजय सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 26 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 11:42 AM IST

पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के अध्यक्ष शाहबाज शरीफ ने चुनाव परिणाम के शुरुआती रूझान के बाद बड़े पैमाने पर धांधली होने का आरोप लगाते हुए चुनाव परिणाम को खारिज कर दिया है. उनका यह बयान शुरुआती रूझान में इमरान खान की पार्टी को मिल रही बढ़त के बाद आया है. शाहबाज शरीफ ने कहा, 'मैंने अपने 30 साल के राजनीतिक करियर में इस तरह की डरानेवाली स्थिति नहीं देखी थी.

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शाहबाज शरीफ ने संकेत दिए हैं कि उनकी पार्टी चुनाव में हुई धांधली के खिलाफ प्रदर्शन करेगी. हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि चुनाव में धांधली करने का संदेह उन्हें किस पर है, लेकिन चुनाव को प्रभावित करने का आरोप देश की प्रभावशाली सेना पर लगाया गया है.

उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों से कहा, 'पीपीपी सहित पांच अन्य पार्टियों ने चुनाव में धांधली का मुद्दा उठाया है. उनसे संपर्क करने के बाद मैं आगे के कदम की घोषणा करूंगा. पाकिस्तान का आज बहुत नुकसान हुआ है. हम इस अन्याय के खिलाफ लड़ेंगे और सभी विकल्प का इस्तेमाल करेंगे.'

शरीफ ने कहा, 'मैंने अपने 30 साल के राजनीतिक करियर में इस तरह की डरानेवाली स्थिति नहीं देखी थी. पाकिस्तान के इतिहास का यह सबसे खराब चुनाव था. कई सीटों पर चुनाव का परिणाम रोक दिया गया है, जहां पीएमएल-एन के उम्मीदवार जीत रहे थे. हम यह अन्याय नहीं स्वीकार करेंगे.'

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ये है रुझान

अभी तक आए रुझानों में PTI 119, PML(N) 56, PPP 34 सीटों पर आगे चल रही है. इसके अलावा 58 सीटों पर अन्य उम्मीदवार आगे चल रहे हैं. कुल 272 सीटों में 267 सीटों के रुझान अबतक सामने आए हैं. PML(N) के शहबाज शरीफ, PPP के बिलावल भुट्टो, MMA के फजल उर रहमान, जमात ए इस्लामी के सिराज उल हक अपनी-अपनी सीट पर चुनाव हार गए हैं.

पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में कुल 342 सदस्य होते हैं. इनमें से 272 को सीधे तौर पर चुना जाता है. जबकि शेष 60 सीटें महिलाओं और 10 सीटें धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं. कोई पार्टी तभी अकेले दम पर सरकार बना सकती है जब उसे 137 सीटें हासिल हो जाएं.

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