
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करने के लिए अक्सर आलोचना होती है. पूर्व गृह मंत्री पी चिदम्बरम ने 13 जनवरी को एक ट्वीट में कहा, “प्रधानमंत्री ऊंचे प्लेटफॉर्म्स से बात करते हैं जिसे मूक श्रोता सुनते हैं और वो कोई सवाल नहीं लेते. हम मीडिया के ज़रिए बात करते हैं और हम मीडिया के लोगों से सवाल लेने के लिए भी तैयार रहते हैं.” इसी तारीख को इंडिया टुडे को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत दाखिल याचिका का जवाब मिला. इस याचिका में प्रधानमंत्री के मीडिया से हुए अंतर्संवाद (इंटरेक्शन) के बारे में जानकारी मांगी गई थी.
हमारे पहले दो सवाल थे-
1 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभी तक कितनी प्रेस कॉन्फ्रेंस की हैं? कृपया उनकी तारीख और जगह के बारे में जानकारी दीजिए.
2 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभी तक कितने इंटरव्यू दिए हैं? कृपया उनकी तारीख, और उस एजेंसी के नाम की जानकारी दीजिए जिसे इंटरव्यू दिया गया.
हैरानी की बात है कि प्रधानमंत्री कार्यालय के पास मीडिया के साथ प्रधानमंत्री के अंतर्संवादों का कोई रिकॉर्ड नहीं है. आरटीआई याचिका का जवाब ये मिला- “प्रधानमंत्री के प्रेस प्रतिनिधियों से अंतर्संवाद स्ट्रक्चर्ड और अनस्ट्रक्चर्ड दोनों तरह के होते हैं इसलिए, जो जानकारी मांगी गई है वो रिकॉर्ड पर उपलब्ध नहीं है.”
हमारे अपने रिकॉर्ड्स के मुताबिक इन मौकों पर प्रधानमंत्री ने मीडिया के साथ ‘अंतर्संवाद’ किया.
17 मई 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच साल में पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया. लेकिन उन्होंने अपने से पूछे गए सवालों के जवाब अमित शाह की ओर मोड़ दिए थे.
मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पूर्ववर्ती डॉ मनमोहन सिंह के बीच तुलना के लिए हमने आरटीआई याचिका के जरिए उनके मीडिया अंतर्संवाद की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए भी कहा था.
हमने पूछा था कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने कार्यकाल के दौरान कितनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया था और इसी दौरान उन्होंने कितने इंटरव्यू दिए थे. हमने उनकी तारीख और जिस एजेंसी को इंटरव्यू दिए गए उनका नाम बताने के लिए कहा गया. इसका पीएमओ से जवाब मिला- ‘जो जानकारी मांगी गई है वो इस कार्यालय की ओर से रखे जाने वाले रिकॉर्ड का हिस्सा नहीं है.’
ऐसे में एक बात साफ है कि पीएमओ के पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या उनके पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह के मीडिया अंतर्संवाद का रिकॉर्ड आज की तारीख तक मौजूद नहीं है. ये शीर्ष स्तर पर डेटा प्राइवेसी का स्पष्ट मामला लगता है.