
केंद्र सरकार और विपक्षी दलों के बीच बढ़े तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से मिलने से मना कर दिया है. केरल के मुख्यमंत्री कार्यालय ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री पहले भी मुलाकात का अनुरोध ठुकरा चुके हैं.
केरल के मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक, यह लगातार चौथी बार है जब प्रधानमंत्री कार्यालय ने मिलने का अनुरोध ठुकराया है. मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा था. यह प्रतिनिधिमंडल पीएम के साथ राशन आवंटन में अनियमितता के मुद्दे पर चर्चा करना चाहता है.
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के शीर्ष अफसरों ने बताया कि 16 जून को पीएमओ ने प्रधानमंत्री से मुलाकात संबंधी अनुरोध को ठुकरा दिया था. बताया जा रहा है कि पीएमओ ने केरल सीएम पिनराई विजय से कहा कि यदि आवश्यक हो तो खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मामलों के मंत्री राम विलास पासवान से मिल लें.
इससे पहले 20 मार्च 2017 को सीएमओ ने केरल के लिए आवंटित बजट के मुद्दे पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री से मुलाकात के लिए वक्त मांगा था. 24 नवंबर 2016 को भी विमुद्रीकरण पर बातचीत करने के सिलसिले में प्रधानमंत्री से अनुरोध किया गया, लेकिन पहले की तरह ही पीएम ने मिलने से इनकार कर दिया.
गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों में बीजेपी और केंद्र सरकार की आलोचना करने वालों में पिनराई विजयन भी शामिल रहे हैं. पिछले सप्ताह, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू और कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी के साथ पिनराई विजयन दिल्ली के उप राज्यपाल के कार्यालय पर धरना पर बैठे अरविंद केजरीवाल के आवास पर पहुंच कर उनके परिवार से मुलाकात की थी. साथ ही केंद्र से इस मामले को सुलझाने की मांग की थी. संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में पिनराई विजयन ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार संघीय प्रणाली को बर्बाद करने की कोशिश कर रही है.