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एक LoU से पैसे लेकर दूसरे का चुकाते थे, ऐसे चला नीरव-चोकसी का फर्जीवाड़ा

जांच टीम को अब पता चला है कि नीरव मोदी और उनके मामा मेहुल चोकसी की जोड़ी ने साल 2011 से ही एलओयू से जितने कर्ज लिए थे, उन्हें चुकाने के लिए फिर नए एलओयू लिए.

नीरव मोदी और मेहुल चोकसी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी
दिनेश अग्रहरि/साहिल जोशी
  • मुंबई,
  • 20 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 9:10 AM IST

PNB घोटाले में रोज नए-नए रहस्योद्घाटन हो रहे हैं. जांच टीम को अब पता चला है कि नीरव मोदी और उनके मामा मेहुल चोकसी की जोड़ी ने साल 2011 से ही एलओयू से जितने कर्ज लिए थे, उन्हें चुकाने के लिए फिर नए एलओयू लिए. इस तरह इस घपले का सिरा सात साल पहले तक पहुंच जाता है, जब यह LoU देने शुरू किए गए थे.

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CBI और प्रवर्तन निदेशालय की प्रारंभिक जांच में यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि नीरव मोदी और चोकसी के इस फ्रॉड से बैंकों को वास्तव में कुल कितना नुकसान हुआ है.

जांच से यह पता चला है कि नीरव मोदी और चोकसी ने साल 2011 से जितने भी LoU लिए, उनसे हासिल कर्ज को चुकाने के लिए फिर अगले वर्षों में नए LoU और उनके माध्यम से कर्ज हासिल कर लिए. इस तरह एक एलओयू से कर्ज लेने और फिर इस कर्ज को चुकाने के लिए नए एलओयू हासिल करने का पूरा गोरखधंधा चलता रहा. यानी इस घोटाले के बीज सात साल पहले 2011 में ही बो दिए गए थे.

हालांकि बैंक ने जो एफआईआर दर्ज कराया है, उसमें सिर्फ साल 2017 लिए गए करीब 151 एलओयू की ही बात की गई है. इस तरह का अंतिम एलओयू पिछले साल 2 मई को जारी किया गया था. इस तरह 2017 में कुल 3,312 करोड़ रुपये का एलओयू जारी किया गया. पीएनबी के सूत्र बताते हैं कि इन सभी एलओयू से मिले कर्ज को डिफाल्ट किया गया है.

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करीब 11,400 करोड़ के फ्रॉड के मामले में सीबीआई ने सोमवार को पीएनबी के तीन वरिष्ठ अधिकारियों को गिरफ्तार किया है. इनमें पहला है फॉरेक्स का चीफ मैनेजर बेचू तिवारी, जो डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी के सुपरवाइजर जैसा था और उसे ब्रैडी हाउस ब्रांच में हो रहे जालसाजी की पूरी जानकारी थी. दूसरा गिरफ्तार आरोपी यशवंत जोशी उर्फ अभय जोशी स्केल 2 मैनेजर है और बैंक में swift तथा कोर बैंकिंग सोल्युशंस (CBS) को अपडेट करने की जिम्मेदारी उसके पास थी. तीसरा गिरफ्तार आरोपी प्रफुल्ल सावंत स्केल 1 अधिकारी है जिसकी जिम्मेदारी संदेशों को चेक करते रहना और रिपोर्ट तैयार करना है.

सूत्रों के अनुसार साल 2011 से अब तक पीएनबी के ब्रैडी हाउस ब्रांच से मामा-भांजे को कुल 500 एलओयू जारी किए थे. सीबीआई अब तक पीएनबी के 13 अफसरों से पूछताछ कर चुकी है. अब तक इस मामले में छह आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है और अभी कई अन्य की गिरफ्तारी हो सकती है.

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