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पाकिस्तानी सेना ने PoK में लोगों को बर्बरता से पीटा, पुलिस ने कहा- उन्हें शिकायत का हक नहीं

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में पाक सेना कितनी क्रूरता से पेश आ रही है, इसका ताजा उदाहरण है नीलम वेली मामला. मामूली बात पर आर्मी के ठेकेदार और वहां के नागरिक बीच ठेकेदारी को लेकर बहस हो. इसके बाद पाक सेना ने जो किया वह कहीं से भी मानवीय नहीं था.

पाक सेना का जुल्म पाक सेना का जुल्म
अंकुर कुमार/अनिल कुमार
  • पीओके ,
  • 20 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 5:04 PM IST

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में पाकिस्तान सेना की बर्बरता के किस्से लगातार आ रहे हैं. नया मामला पाकिस्तान अधिकृत नीलम वेली का है. यहां पाकिस्तानी सेना का पागलपन काफी दिनों से जारी है. इस मामले में आर्मी के जवान 4 स्थानीय नागरिक को उठा ले गए और खौफनाक तरीके से पिटाई कर दी. पिटाई इतनी बेदर्द थी कि उनके शरीर पर निशान पड़ गए हैं .

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पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में पाक सेना कितनी क्रूरता से पेश आ रही है, इसका ताजा उदाहरण है नीलम वेली मामला. मामूली बात पर आर्मी के ठेकेदार और वहां के नागरिक बीच ठेकेदारी को लेकर बहस हो. इसके बाद पाक सेना ने जो किया वह कहीं से भी मानवीय नहीं था.

पाकिस्तान एक तरफ आतंक को समर्थन देता है और दूसरी ओर संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर के मुद्दे को उठाने के लिए तैयार रहता है. पाकिस्तान कई बार कश्मीर में भारतीय सेनाओं के झूठे किस्से सुना चुका है, लेकिन वह दुनिया को यह कभी नहीं बताया कि उसकी सेना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में लोगों के साथ कितनी बुरी तरह पेश आती है.

आपको बता दें कि पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शाहिद अब्बास 21 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र में अपने पहले भाषण के लिए तैयारी कर रहे हैं. वही दूसरी ओर पाकिस्तान सेना की क्रूरता कम होने का नाम नहीं ले रही है. पाकिस्तान के अधिकृत कश्मीर (पीओके) की नीलम घाटी में कश्मीरी नागरिकों पर पाक सेना का अत्याचार जारी है. यह घटना नीलम घाटी के जग्राम इलाके में सोमवार दोपहर हुई थी. जब एक मामूली-सी कहासुनी पर पाक आर्मी के जवान हैवान बन गए. 4 स्थानीय नागरिकों को की जमकर पिटाई की. पिटने के लिए लोहे के रोड और डंडों का भी इस्तेमाल किया. आरोप है कि गन के पिछले हिस्से से भी कई वार किए.

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पाकिस्तानी सेना की फ्रंटियर वर्क्स ऑर्गेनाइजेशन (एफडब्ल्यूओ) के साथ ही पाकिस्तानी सेना के लोग इस क्रूरता में शामिल थे. स्थानीय लोग पाकिस्तानी सेना के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए पुलिस के पास पहुंचे. हालांकि पुलिस ने भी उनकी बात नहीं सुनी और कहा कि स्थानीय लोगों के पास सेना के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का कोई अधिकार नहीं है. पीड़ित लोगो ने बताया कि इस घटना में एक आर्मी के कैप्टन ने कहा कि अगर स्थानीय लोग सेना के खिलाफ आवाज़ उठाते हैं तो उन्हें गोली से उड़ा दो.

आजतक / इंडिया टुडे से इस घटना पर बात करते हुए जेके एनएपी,यूके के अध्यक्ष महमूद कश्मीरी और जेके एनएपी के इंटरनेशनल कोऑर्डिनेटर सज्जाद रज़ा ने कहा कि इस तरह की यह कोई पहली घटना नहीं है. पाकिस्तानी सेना इस तरह की हरकत करती रही है. हम मांग करते है कि जो भी सेना के लोग इस घटना में शामिल हैं,   उन्हें गिरफ्तार किया जाय और सज़ा मिले और पाकिस्तानी सेना आज़ाद कश्मीर से बहार हो. हम जिनेवा में हैं और इस घटना को हम यूएन में भी उठाएंगे.

इस घटना को लेकर नीलम घाटी में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए और लोगों ने पाकिस्तान आर्मी और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए सड़क को जाम कर दिया. बाद में स्थानीय प्रशासन के द्वारा कहा गया कि दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी तब जाकर सोमवार की रात में प्रदर्शन को वापस लिया गया.

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