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छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित सुकमा जिले के दो अलग-अलग स्थानों से पंद्रह नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से दो के ऊपर नकद इनाम घोषित थे. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुकमा जिले में एक आईईडी विस्फोट में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के नौ जवानों के मारे जाने के तकरीबन आठ दिन बाद इन माआवोदियों की गिरफ्तारी हुई हैं.
बहरहाल, गिरफ्तार किए गए नक्सली पिछले सप्ताह सीआरपीएफ पर हुए हमले में शामिल नहीं थे, लेकिन ये लोग फरवरी के महीने में पुलिस दल पर हुए हमले में शामिल थे, जिसमें दो पुलिसकर्मियों की मौत हुई थी.
पुलिस उप महानिरीक्षक सुंदरराज ने मीडिया से कहा, 'तलाशी के दौरान भेज्जी इलाके से दो महिलाएं समेत 14 चरमपंथी गिरफ्तार किए गए है. जबकि अन्य चरमपंथियों को बुधवार को पुष्पाल इलाके से पकड़ा गया.' साथ ही बताया कि भेज्जी इलाके में 14 चरमपंथियों की यह गिरफ्तारी एसटीएफ, जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), जिला विशेष बल (डीएफ) और सीआरपीएफ के संयुक्त दल के अभियान के दौरान की गई.
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उप महानिरीक्षक सुंदरराज बोले, 'भेज्जी इलाके में पकड़े गए सभी 14 नक्सली इसी साल के 18 फरवरी को एलरमाडगू के जंगलों में पुलिस दल पर हुए हमले में शामिल थे. इस हमले में दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी. ये सभी उसी दिन इलाके की एक अन्य घटना में भी शामिल थे. जिसमें एक मजदूर की मौत हो गई थी. साथ ही सड़क बनाने के तकरीबन 10 उपकरणों और निर्माण वाहनों में आग लगा दी थी.
इन नक्सलियों की गिरफ्तारी में दंडकारण्य आदिवासी किसान मजदूर संगठन के प्रमुख सोधी पोज्जा भी शामिल है. बता दें कि उसके ऊपर एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था.
पुलिस उप महानिरीक्षक सुंदरराज ने बताया कि गिरफ्तार की गई दो महिला नक्सली रवा कोसी और हेमला हुंगी किस्तराम के स्थानीय गुरिल्ला दस्ते (एलजीएस) और माओवादियों की चिकित्सकीय दल की सदस्य हैं. साथ ही कहा कि गिरफ्तार किए गए अन्य माओवादी गैरकानूनी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के सदस्य है.