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मर्चेंट नेवी में नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़

मर्चेंट नेवी में नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगार नौजवानों को ठगने वाला एक गिरोह छत्तीसगढ़ पुलिस के हत्थे चढ़ा है. ये सभी ठग नौजवानों को देश-विदेश में अच्छी नौकरी और मोटे वेतन का हवाला दे कर फंसाने का काम करते थे.

आठ राज्यों में फैला हुआ था जाल आठ राज्यों में फैला हुआ था जाल
मुकेश कुमार/सुनील नामदेव
  • रायपुर,
  • 29 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 6:52 PM IST

मर्चेंट नेवी में नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगार नौजवानों को ठगने वाला एक गिरोह छत्तीसगढ़ पुलिस के हत्थे चढ़ा है. ये सभी ठग नौजवानों को देश-विदेश में अच्छी नौकरी और मोटे वेतन का हवाला दे कर फंसाने का काम करते थे. किसी को इन पर शक ना हो इसीलिए ये सभी बकायदा परीक्षाएं आयोजित कराते थे. इस परीक्षा में कामयाब होने वाले छात्रों को मर्चेंट नेवी में नियुक्ति का झांसा दे कर दो से पांच लाख रुपये तक की उगाही की जाती थी.

जानकारी के मुताबिक, इस गिरोह का मायाजाल छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, झारखण्ड और ओडिशा समेत देश के आठ राज्यों में फैला हुआ था. पिछले दिनों रायपुर में परीक्षा फीस को लेकर हुए विवाद के बाद इस गिरोह का भंडाफोड़ हुआ. इससे पहले कि नकली परीक्षा के बाद ठगों का यह गिरोह नौ दो ग्यारह होता पुलिस ने इन्हें धर दबोचा. इसके बाद में इस गिरोह के ठगी का शिकार हुए नौ जवानों ने इनकी करतूतों की पूरी फेहरिस्त पुलिस को सौंपी है.

मर्चेंट नेवी में नौकरी का दिया झांसा
घटना रायपुर के मंदिरहसौद थाने क्षेत्र की है. यहां बेरोजगार नौजवान अपने भाग्य के फैसले के लिए इलाके के दो नामीगिरामी कॉलेज के कैम्पस में परीक्षा देने के लिए पहुंचे थे, लेकिन सभी ठगी का शिकार होते उससे पहले ही इनकी आंखे खुल गयी. इनको गिरोह ने अपनी जाल में फंसाते हुए मर्चेंट नेवी में नौकरी दिलाने का झांसा दिया था. हालांकि इसके लिए इन्हें एक प्रवेश परीक्षा पास करनी थी. इसके लिए दो जगह परीक्षा केंद्र बनाया गया था.

डेढ़ हजार लोगों का बनाया शिकार
इस फर्जी परीक्षा में देशभर से तकरीबन डेढ़ हजार परीक्षार्थी शामिल हुए थे. परीक्षा को दौरान आयोजकों और परीक्षार्थियों के बीच फीस को लेकर वाद-विवाद शुरू हो गया. आयोजक किसी छात्र से 200 रुपये तो किसी से 2 हजार की मांग कर रहे थे. विवाद बढ़ने पर पुलिस को जानकारी दी गई. फर्जी परीक्षा और ठग गिरोह की सूचना मिलते ही पुलिस फौरन दोनों परीक्षास्थल पर पहुंची. जांच-पड़ताल के बाद ठगी का मामला समझने में देर नहीं लगी.

बेरोजगारों को बनाया निशाना
ASP विजय अग्रवाल के मुताबिक इस ठग गिरोह ने मर्चेन्ट नेवी में भर्ती के नाम पर लगभग डेढ़ हजार युवकों को बुलाया था. सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. पूछताछ के दौरान पता चला कि इस गिरोह ने उन्हीं लोगों को अपना शिकार बनाया जो वो बेरोजगार थे लेकिन आर्थिक रूप से समृद्ध थे. इनसे संपर्क करने के बाद इस गिरोह ने मर्चेंट नेवी में अधिकारी पद पर नियुक्ति के नाम पर पांच लाख रुपये की मांग की थी.

फोन पर दी जाती थी सारी सूचना
इसके लिए दिल्ली, कोचीन, मुंबई और विशाखापट्नम के बैंक अकाउंट नंबर दिए गए थे. किसी को शक ना हो इसके लिए प्रवेश परीक्षा शहर के नामीगिरामी कॉलेजो के कैम्पस में रखी गयी थी. ठगों ने बड़ी चालाकी से इन शैक्षणिक संस्थानों के नामों का इस्तेमाल किया था. उन संस्थानों में प्रवेश परीक्षा के लिए मैनेजमेंट को शुल्क की अदायगी की और उनके परिसर को किराए पर लिया था. सभी परीक्षार्थियों को सूचना फोन पर दी जाती थी.

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