जोधपुर पुलिस ने कानून की धाराओं में लपेट-लपेट कर आसाराम की ऐसी हालत कर दी है कि अब जोधपुर का सेंट्रल जेल शायद उनका परमानेंट पता बन जाए. भारतीय दंड संहिता की 14 सख्त धाराओं को 1012 पन्नों में समेट कर 140 गवाहों के बूते जोधपुर पुलिस ने बाबा के जेल में रहने का पुख्ता इंतजाम कर दिया है.
सत्संगी का चोला ओढ़ कर पाप लीला करने के आरोपी आसाराम के खिलाफ आख़िरकार मंगलवार को जोधपुर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल हो ही गई. जोधपुर पुलिस ने तकरीबन दो महीने की तफ्तीश के बाद आसाराम के खिलाफ़ जो चार्जशीट दाखिल की है, उसमें दर्ज गुनाह अगर सुनवाई के दौरान सही साबित हो गए तो आसाराम को अपनी बाकी की जिंदगी सलाखों के पीछे ही गुज़ारनी पड़ सकती है.
पहले जरा उन धाराओं को देख और समझ लेना आवश्यक है जो आसाराम के सिर पर गुनाहों के ताज की तरह सजाए गए हैं.
धारा 376 (एफ)
यानी किसी लड़की के साथ उसके शिक्षक, रिश्तेदार, अभिभावक या धर्मगुरु द्वारा बलात्कार करना.
सजा- 10 साल से लेकर उम्र क़ैद.
धारा 375 (सी)
यानी किसी लड़की के अंगों से शारीरिक तौर पर छेड़छाड़ करना.
सजा- 10 से लेकर उम्र कैद.
धारा 509/34
यानी लड़की या महिला का शीलभंग करना.
सजा- 3 साल क़ैद
धारा 506
जान से मारने की धमकी देना.
सजा- 7 साल तक की क़ैद
धारा 354ए
यौन उत्पीड़न.
सजा- 3 साल तक की क़ैद.
धारा 370ए
यानी बाल तस्करी.
सजा- आजीवन कारावास
धारा 120बी
साजिश रचना
सजा-मुख्य गुनाह के बराबर सज़ा
धारा 109
किसी को गुनाह के लिए उकसाना या मजबूर करना.
सजा-मुख्य गुनाह के बराबर सजा.
पोक्सो एक्ट की धारा 5 एफ, 6, 7, 8 और 17
किसी शैक्षिक संस्थान में बाल यौन उत्पीड़न.
सजा- 10 साल से लेकर उम्र क़ैद तक.
यानी कुल मिला कर इन सभी 14 धाराओं में से कुल तीन धाराएं ऐसी चिपकाई गई हैं बाबा पर कि अगर वो अदालत में साबित हो गईं तो बाबा को अपनी बाकी की उम्र जेल को ही देनी पड़ेगी. हालांकि जोधपुर पुलिस की कोशिश है कि महज कुछ नहीं, बल्कि सभी धाराओं में बाबा को लपेटा जाए ताकि उनके बचने की कोई गुंजाइश ही ना बचे. इसके लिए पुलिस ने जहां आसाराम और उनके चेलों का कुबूलनामा अदालत में पेश किया है, वहीं परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के साथ-साथ 140 गवाहों की लंबी-चौड़ी फौज को भी अदालत में पेश करने की की तैयारी कर रखी है.
ये चार्जशीट आसाराम के गुनाहों का बहीखाता है. आसाराम के अतीत का वो काला सच है जिसमें पाखंड के भगवान का मुखौटा उतार फेंकने का दावा है. जोधपुर कोर्ट ने आसाराम को फिर से 16 नवंबर तक न्यायिक हिसारत में ही रखने का फैसला किया.
आसाराम को यौन उत्पीड़न के आरोप में 30 अगस्त और 1 सितंबर की रात जोधपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया और फिर नाबालिग के संगीन आरापों पर पुलिस ने चार्जशीट बनानी शुरु की, तो 66 दिनों में गुनाहों के पन्नों की संख्या हज़ार को पार कर गई. पुलिस ने चार्जशीट में तमाम सख्त धाराओं की लाइन लगा दी.
जोधपुर पुलिस की 1012 पन्नों की चार्जशीट में 63 पन्नों पर आसाराम के गुनाहों की कथा लिखी है, जिसमें नाबालिग के आरापों का पूरा विवरण दिया गया है जबकि 140 गवाहों की बयान इस चार्जशीट में दर्ज हैं. चार्जशीट में पुलिस ने आसाराम पर कुल 14 धाराएं लगाई हैं.
आसाराम को सज़ा दिलवाने के लिए, आसाराम के पाखंड को हवालात की हवा खिलाने के लिए, जोधपुर पुलिस ने कानून की सख्त धाराओं में लिपटा अपना बहीखाता पेश कर दिया है, अब आसाराम को क्या सज़ा होगी, कितनी सज़ा होगी, ज़िला अदालत इस पर फैसला 16 नवंबर को सुनाएगी.