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झारखण्ड पुलिस की नजर अब राज्य में सक्रीय नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के शीर्ष नेताओं पर टिकी है. इन नक्लियों में सबसे बड़ा नाम है अरविंद का. जिस पर राज्य सरकार ने एक करोड़ का इनाम घोषित कर रखा है. झारखण्ड पुलिस चाहती है कि ये नक्सली नेता या सरेंडर कर दे या फिर उसको घेरा जाए.
अरविंद के सिर पर है एक करोड़ का इनाम
झारखंड में ऐसे नक्सली नेताओं की कमी नहीं है, जिनके सिर पर सरकार ने लाखों करोड़ों का इनाम रखा हुआ है. ऐसा ही एक नक्सली नेता है अरविंद. जिस पर सरकार ने पूरे एक करोड़ रुपए का इनाम घोषित कर रखा है. अरविंद माओवादियों के पोलित ब्यूरो का सदस्य भी है. इस मोस्टवॉन्टेड नक्सली को पांच राज्यों की पुलिस तलाश कर रही है.
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मुठभेड़ में शामिल था मोस्ट वॉन्टेड अरविंद
पुलिस सूत्रों के मुताबिक पिछले दिनों बिहार के औरंगाबाद में हुए एनकाउंटर में अरविंद का दस्ता भी शामिल था. नक्सलियों के हमले में यहां दस जवान शहीद हो गए थे. जबकि अरविंद का मुख्य सुरक्षाकर्मी प्रिंस भी मारा गया था. इस बात की पुष्टि झारखंड पुलिस ने भी की है. इसके अलावा दंडकारण्य के झारखण्ड आए शीर्ष नक्सली सुधाकरण रेड्डी और जोनल कमांडर कुंदन पाहन भी पुलिस के रडार पर है. पुलिस के मुताबिक नक्सलियों के खिलाफ कारगर रणनीति की वजह से बाकि बचे नक्सलियों में खलबली मची हुई है.
कौन है नक्सली अरविन्द
अरविंद माओवादियों के पोलित ब्यूरो का मेंबर है. वह हमेशा दौ सौ हथियारबंद नक्सलियों से घिरा रहता है. वर्ष 2010 के बाद झारखंड में संगठन को मजबूत बनाने की जिम्मेवारी पोलित ब्यूरो के सदस्यों ने अरविंद को ही दी थी. उस वक़्त वह बिहार के गया और चतरा होते हुए झारखंड पहुंचा था. जिसके बाद उसने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा किया था. बताया जाता है कि अरविन्द ने संगठन का बेस कैंप ओड़िशा और गुमला की सीमा पर स्थित एक ऊंचे पहाड़ पर तैयार किया है. जो सुरक्षा लिहाज से काफी महफूज है. हालांकि हालिया दिनों में इसके दो प्रमुख बॉडी गार्ड या गिरफ्तार किए गए या फिर मुठभेड़ में मारे गए. झारखंड पुलिस के मुताबिक भाकपा माओवादी के तीन बड़े नक्सली अरविंद, सुधाकरण रेड्डी और कुंदन पाहन ही पुलिस का अगला टारगेट हैं.
नक्सलियों के सरेंडर से कमजोर हुआ संगठन
बीते दिनों झारखंड पुलिस के सामने राज्य के शीर्ष नक्सली बड़ा विकास और छोटा विकास ने सरेंडर कर दिया था. वहीं पलामू पुलिस ने माओवादी जोनल कमांडर उदित कुमार सिंह उर्फ तूफान और उसके तीन सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया था.
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नेतृत्व का अभाव
बड़ा विकास के सरेंडर करने के बाद झारखंड में नक्सलियों का नेतृत्व करने की जिम्मेवारी दंडकारण्य के शीर्ष नक्सली सुधाकरण रेड्डी पर है. इनके अलावा अरविंद भी नेतृत्व करने में कुशल है. पर अब वह बूढ़ा हो चला है और अक्सर बीमार रहता है. इस वजह से उसकी भूमिका महज सलाहकार तक सिमट गई है.
और नक्सली कर सकते है सरेंडर
सूत्रों के मुताबिक राज्य में सक्रीय बड़ा विकास के सरेंडर करने के बाद अब नक्सली चार्लीस उरांव, छोटू खरवार और बिरसई गंझू भी सरेंडर कर सकता है. इसके लिए झारखंड पुलिस लगातार दबाव बना रही है. फिलहाल पुलिस के निशाने पर अरविंद और उसके साथी बने हुए हैं.