
सचिन तेंदुलकर ने अपनी आत्मकथा 'प्लेइंग इट माई वे' में टीम इंडिया के पूर्व कोच ग्रेग चैपल को 'रिंग मास्टर' बताया और मंकीगेट विवाद को तत्कालीन ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों की जमकर खबर ली. ऐसे में ऑस्ट्रेलिया से प्रतिक्रिया तो आनी ही थी, पर वह इतनी अभद्र होगी इसकी उम्मीद नहीं थी. सचिन के खुलासे के पीछे की कहानी ये है
foxsports.com.au में पत्रकार रॉबर्ट क्रेडॉक ने एक लेख में तेंदुलकर को 'पॉलिटिकल एनिमल और खतरनाक दुश्मन' बताया. सचिन पर भद्दी टिप्पणी करते हुए उन्होंने लिखा, 'अपनी ताकत को पहचानते हुए सचिन ने इसका शर्मनाक तरीके से इस्तेमाल किया. वह एक मदारी की तरह अपनी ताकत का इस्तेमाल टीम के फायदे के लिए करते रहे.'
इस लेख में कहा गया है, 'तेंदुलकर की जो संतों वाली छवि उनके लुक, बातों व कहने के तरीके आधार पर बनी थी. एक प्यारे, खूबसूरत और हंसते चेहरे के सामने तो पत्थर भी पिघल जाए. जिसके नाम दुनिया के कई रिकॉर्ड हों पर फिर भी व्यवहार भद्रजनों वाला.'
सचिन पर हमला तेज करते हुए आगे लिखा गया, 'आत्मकथा के लॉन्च होते ही सचिन का असली चेहरा सामने आ गया है. अचानक हाथ में गन लिए विरोधियों पर हमले कर रहे हैं. ग्रेग चैपल पर राहुल द्रविड़ के अपमान का आरोप, माइकल क्लार्क और रिकी पोंटिंग पर एक कैच का दावा करने के लिए हमला, एडम गिलक्रिस्ट के दोहरे रवैये पर सवाल, इयान चैपल पर संन्यास का सुझाव देने और मंकीगेट एपिसोड को लेकर पूरी ऑस्ट्रेलियाई टीम पर हमला. यह शर्मनाक है कि उन्होंने अपना यह रूप उस वक्त नहीं दिखाया जब वह मैदान थे.'