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'एक गठबंधन, एक उम्मीदवार' के फार्मूले से BJP को मात दे पाएगा विपक्ष?

सूत्रों ने कहा कि विधानसभा चुनावों के लिए बने गठजोड़ को 2019 के चुनावों में भी जारी रखा जाएगा. इस बीच कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस ने 2019 का लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ने का ऐलान कर दिया है.

विपक्षी पार्टियां एकजुटता बनाने में जुटी हैं. विपक्षी पार्टियां एकजुटता बनाने में जुटी हैं.
सुप्रिया भारद्वाज/वरुण शैलेश
  • नई दिल्ली,
  • 02 जून 2018,
  • अपडेटेड 12:31 AM IST

लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर देश के राजनीतिक गलियारे में सरगर्मियां बढ़ने के बीच विपक्ष गठबंधन की संभावनाएं तलाशने में सक्रिय हो गया है. यह गठबंधन चाहे राज्य के स्तर पर हो या राष्ट्रीय, सभी जगह संभावनाएं तलाशी जा रही हैं.

महाराष्ट्र में कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) गठबंधन को लेकर वार्ता तेज हुई है, तो मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस, बसपा से नाता जोड़ने की कोशिश में जुटी हुई है. बता दें कि आने वाले दिनों में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.

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आधिकारिक सूत्रों ने 'इंडिया टुडे' को बताया कि मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख कमलनाथ ने बसपा प्रमुख मायावती से संपर्क साधा है. यह दोनों विपक्षी दल मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में गठबंधन को लेकर समझौते की संभावना पर बातचीत कर रहे हैं.    

छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रभारी पी एल पुनिया भी राज्य में बीजेपी को शिकस्त देने के लिए चुनाव पूर्व गठबंधन के लिए चर्चाएं कर रहे हैं. कांग्रेस को लग रहा है कि छत्तीसगढ़ में अजीत जोगी वोट काट सकते हैं, इसलिए पार्टी बसपा और राज्य की अन्य स्थानीय दलों के साथ गठबंधन बनाने पर विचार कर रही है.

छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रभारी पी एल पुनिया कहते हैं, 'एक गठबंधन, एक उम्मीदवार' का फार्मूला मुमकिन है. हमारा मुख्य मकसद बीजेपी को हराना है. छत्तीसगढ़ में हमारी तैयारियां चल रही हैं और 15 अगस्त तक हम अपने उम्मीदवारों की सूची जारी करने की योजना बना रहे हैं.'

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सूत्रों के मुताबिक चुनाव पूर्व गठबंधन के तहत कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल रणनीतिक समझदारी बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसके तहत बीजेपी के खिलाफ समूचे विपक्ष का एक ही उम्मीदवार उतारे जाने की योजना है.

सूत्रों का कहना है कि विपक्ष अब बीजेपी को उसी फार्मूले से मात देना चाहता है, जिसकी बदौलत भगवा पार्टी ने 2014 के चुनावों में जीत हासिल की थी. यानी जाति, समुदाय के स्तर पर भी बीजेपी को मात देने के लिए विपक्ष पुरजोर कोशिश में जुटा हुआ है.

कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी कहते हैं, 'यह कोई कोरी अवधारणा नहीं है. हम सभी का एक ही मकसद है कि बीजेपी विरोधी दलों को टूटने से रोका जाए. विपक्ष की एकता से बीजेपी डर गई है, क्योंकि हमने एकजुट होकर उन्हें जता दिया है कि सेकुलर वोट आज भी विभाजित नहीं है.'

सूत्रों ने कहा कि विधानसभा चुनावों के लिए बने गठजोड़ को 2019 के चुनावों में भी जारी रखा जाएगा. इस बीच कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस ने 2019 का लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ने का ऐलान कर दिया है.

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