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पीए संगमा के राजनीतिक सफर पर एक नजर

68 वर्षीय पी.ए. संगमा को हार्ट अटैक के बाद अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

ब्रजेश मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 04 मार्च 2016,
  • अपडेटेड 2:33 PM IST

लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष और मेघालय के मुख्यमंत्री रह चुके पूर्णो अगिटोक संगमा (पीए संगमा) का शुक्रवार को हार्ट अटैक की वजह से निधन हो गया. 68 वर्षीय संगमा मेघालय के वेस्ट गारो हिल्स जिले की तुरा (अनुसूचित जनजाति) लोकसभा सीट से सांसद थे.

संगमा के राजनीतिक करियर पर एक नजर-
- मेघालय के पश्चिम गारो हिल्स के चपाथी गांव में 1 सितंबर 1947 को जन्म.
- शिलांग से ग्रेजुएट होने के बाद असम के डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय से अंतर्राष्ट्रीय संबंध में पोस्ट ग्रेजुएशन और एलएलबी.
- वर्ष 1973 में प्रदेश युवा कांग्रेस समिति के अध्यक्ष निर्वाचित हुए.
- वर्ष 1975 से 1980 तक प्रदेश कांग्रेस समिति के महासचिव रहे.
- वर्ष 1977 के लोकसभा चुनावों में तुरा निर्वाचन क्षेत्र से जीत दर्ज करने के बाद पहली बार सांसद बने और 14वीं लोकसभा के चुनावों तक वह इस पद पर लगातार जीतते रहे.


- नौवीं लोकसभा में वह जीत दर्ज करने में असफल रहे थे.
- वर्ष 1980-1988 तक केंद्र सरकार के अंतर्गत विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे.
- वर्ष 1988-1991 तक वे मेघालय के मुख्यमंत्री रहे.
- वर्ष 1999 में कांग्रेस से निकाले जाने के बाद शरद पवार और तारिक अनवर के साथ मिलकर नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) की स्थापना की.
- शरद पवार और कांग्रेस की नजदीकी बढ़ने पर उन्होंने अपनी पार्टी का ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस पार्टी में विलय कर नेशनलिस्ट तृणमूल कांग्रेस की स्थापना की.
- 10 अक्टूबर 2005 को उन्होंने AITMC के सदस्य के तौर पर लोकसभा से इस्तीफा दे दिया. बाद फरवरी 2006 में NCP के प्रतिनिधि के तौर पर संसद पहुंचे.
- 2008 के मेघालय विधानसभा चुनावों में भाग लेने के लिए उन्होंने चौदहवीं लोकसभा से इस्तीफा दे दिया.
- वर्तमान में वह NCP के महासचिव पद पर कार्यरत थे.

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