
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर के रास्ते अलग-अलग हो गए हैं. जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) से निकाले जाने के करीब महीने भर बाद प्रशांत किशोर ने बताया कि उनके और नीतीश कुमार के बीच किन बातों को लेकर मतभेद था. इस दौरान प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार के कामकाज करने के तरीके की आलोचना भी की.
पॉलिटिकल मैनेजर प्रशांत किशोर ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार से मेरे मतभेद के दो कारण हैं. लोकसभा चुनाव से ही मेरे उनसे मतभेद थे. पहला मतभेद विचारधारा को लेकर था. नीतीश कुमार उन लोगों के साथ हैं, जो गोडसे की विचारधारा को मानते हैं. गांधी-गोडसे साथ नहीं चल सकते हैं. दूसरा कारण जेडीयू का पिछलग्गू बनना है. सत्ता के लिए नीतीश जी हर समझौता करते जा रहे हैं.
प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार को पितातुल्य बताते हुए कहा कि मौजूदा समय में जेडीयू की स्थिति 2014 से भी दयनीय है. सत्ता में बने रहने के लिए जेडीयू, बीजेपी की पिछलग्गू बन गई है. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला. नीतीश जी ने हाथ जोड़कर पटना यूनिवर्सिटी को सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनाने की मांग की थी, लेकिन वह भी नहीं पूरी हुई.
नीतीश जी मेरे लिए पितातुल्य
नीतीश कुमार की आलोचना करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि 2014 के नीतीश कुमार बिहार की शान थे या अब जेपी नड्डा के साथ खड़े है वो बिहार की शान? मैं नीतीश कुमार पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं. मैं किसी का एजेंट नही हूं. मैंने नीतीश जी को पितातुल्य माना है. अगर वो कहते है कि मैं अमित शाह के कहने पर आया हूं तो आप इसको ही सही मानिए.
'बात बिहार की' कैंपेन की शुरुआत
प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं किसी गठबंधन या पार्टी के लिए काम करने नहीं आया हूं. मैं 20 फरवरी से 'बात बिहार की' नाम से कैंपेन की शुरुआत करूंगा. अगले 100 दिनों तक मैं बिहार घूमूंगा. नीतीश कुमार चाहे तो वो भी कैंपेन की नेतृत्व कर सकते हैं. मैं चाहता हूं कि नीतीश कुमार लालू राज से तुलना बंद करें.