
पाकिस्तान उच्चायोग में सोमवार रात को राष्ट्रीय दिवस समरोह में विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह की शिरकत पर राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है. कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने इस बाबत ट्विटर पर सिंह की आलोचना की है. तिवारी ने लिखा है कि मोदी सरकार के अन्य मंत्री समारोह में शामिल नहीं हुए, जबकि वीके सिंह इसे अपनी ड्यूटी बता रहे हैं. यह पाकिस्तान के साथ मोदी सरकार की दोहरी नीति को दिखाता है, वहीं कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट किया है, 'घृणित कत्वर्य, दम बिरयानी'.
दिलचस्प है कि आखिरी ट्वीट में सिंह ने कहा, ‘एक काम या कार्य जो एक व्यक्ति नैतिक या कानूनी कारणों से करने को बाध्य है.'
बातचीत में हुर्रियत का क्या काम?
पाक नेशनल डे पर अलगाववादी नेताओं के शामिल होने के बीच विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी साफ कर दिया है कि भारत-पाक बातचीत में हुर्रियत या किसी तीसरे पक्ष की कोई जरुरत नहीं है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि विवादित मुद्दों को सुलझाने का एकमात्र रास्ता शामिल समझौते और लाहौर घोषणा पत्र के दायरे में द्विपक्षीय बातचीत है.
कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा है कि पाक उच्चायुक्त के साथ हुर्रियत नेताओं की मुलाकात की वजह से बातचीत तोड़ना मूर्खतापूर्ण कदम था. अय्यर ने कहा कि अटलजी के जमाने से हुर्रियत से बातचीत शुरू हुई थी.