
दिल्ली के जंतर-मंतर पर सैनिकों के लिए वन रैंक वन पेंशन के मामले पर प्रदर्शन कर रहे पूर्व फौजी रामकिशन ग्रेवाल के सुसाइड के मामले पर बुधवार को दिनभर सियासी संग्राम चला. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेता इस मामले में कूद पड़े और दिनभर दिल्ली में सियासत हावी रही. पूर्व फौजी के परिवार से मिलने अस्पताल पहुंचे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को मिलने नहीं दिया गया.
इन तीनों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया. बाद में राहुल गांधी और मनीष सिसोदिया को पुलिस ने छोड़ दिया. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल आरके पुरम थाने में रखे गए थे. रात 11:30 के बाद पुलिस ने केजरीवाल को भी रिहा कर दिया. आम आदमी पार्टी के तमाम कार्यकर्ता आरके पुरम थाने के बाहर जमा थे. रिहा होने के बाद केजरीवाल ने पीएम मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि वो ओआरओपी पर पीएम ने झूठ बोला है और उन्हें सैनिकों से माफी मांगनी चाहिए.
राहुल को दो बार लिया हिरासत में
राहुल गांधी को दो बार हिरासत में लिया गया और अंतत देर शाम जब पुलिस ने राहुल गांधी को छोड़ा तो राहुल गांधी ने सरकार पर जमकर निशाना साधा. राहुल गांधी ने कहा कि सरकार ने ओआरओपी पर सैनिकों से वादा पूरा नहीं किया. राहुल ने कहा कि शहीद के परिवार वाले उनके मिलना चाहते थे लेकिन केंद्र सरकार के इशारे पर उन्हें मिलने नहीं दिया गया. कांग्रेस के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राहुल गांधी को हिरासत में लेने को इमरजेंसी करार दिया. राहुल गांधी ने कहा कि वे बस सरकार से पूछना चाह रहे थे कि शहीद के परिवारवालों को क्यों हिरासत में लिया गया है?
केजरीवाल हिरासत में लिए गए
ऊधर, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी इस मामले में कूद पड़े. केजरीवाल ने कहा कि पीएम ने ओआरओपी के मामले पर सैनिकों को धोखा दिया. पूर्व फौजी के परिवारवालों से मिलने पहुंचे लेडी हार्डिंग हॉस्पिटल पहुंचे दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया. केजरीवाल लेडी हार्डिंग हॉस्पिटल पहुंचे थे जहां पूर्व फौजी रामकिशन के शव का पोस्टमार्टम चल रहा था. केजरीवाल रामकिशन के परिवारवालों से मिलना चाह रहे थे लेकिन पुलिस ने उन्हें मिलने नहीं दिया. केजरीवाल ने ट्वीट कर बताया कि उन्हें हिरासत में ले लिया गया है. पता नहीं पुलिस कहां ले जा रही है. हालांकि, रात में पुलिस ने उन्हें रिहा कर दिया.
जहर खाकर खुदकुशी कर ली
गौरतलब है कि बुधवार सुबह राजधानी दिल्ली में वन रैंक-वन पेंशन की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे एक पूर्व सैनिक ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली. मृतक पूर्व सैनिक का नाम रामकिशन ग्रेवाल था. रामकिशन हरियाणा के रहने वाले थे. पुलिस के मुताबिक, रामकिशन वन रैंक-वन पेंशन मुद्दे पर सरकार के फैसले से असहमत थे. जिसकी वजह से वह अपने कुछ साथियों के साथ सोमवार से जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे थे.
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राहुल, मनीष सिसोदिया को रोका गया
इसके बाद इस मामले पर सियासत शुरू हो गई. मृतक के परिवार से मिलने के लिए अस्पताल पहुंचे दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया. सिसोदिया के साथ विधायक कमांडो सुरेंद्र भी थे. राहुल गांधी भी आरएमएल अस्पताल पहुंचे लेकिन उन्हें भी अंदर जाने से रोका गया और बाद में उन्हें भी हिरासत में ले लिया गया. राहुल गांधी को मंदिर मार्ग थाने ले जाया गया. वहां पुलिसवालों से उनकी बहस भी हुई. बाद में राहुल गांधी मंदिर मार्ग थाने से बाहर आए. उन्होंने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. राहुल गांधी ने रामकिशन ग्रेवाल के बेटे को हिरासत में लिए जाने का विरोध किया और कहा कि ये कैसा हिंदुस्तान बनाया जा रहा है जहां पूर्व सैनिक के बेटे के गिरफ्तार किया जा रहा है.
रामकिशन के बेटे का आरोप- पुलिस ने मारा
इस बीच, पूर्व फौजी रामकिशन ग्रेवाल के बेटे जसवंत ने आरोप लगाया कि जब वे राहुल गांधी से मिलकर अपनी समस्याएं रखने जा रहे थे तो पुलिस ने हिरासत में ले लिया और उसके और उसके परिवार को प्रताड़ित किया गया.
राहुल गांधी बोले- ये कैसा लोकतंत्र
राहुल गांधी ने कहा कि मुझे सैनिक के परिवार से नहीं मिलने दिया गया. ये कैसा हिंदुस्तान बन रहा है? ये कैसा लोकतंत्र है. वहीं सिसोदिया ने ट्वीट किया कि दिल्ली का उप मुख्यमंत्री अगर शोकग्रस्त सैनिक परिवार से मिले तो आपकी कानून व्यवस्था खतरे में पड़ जाती है? ये कौन सी व्यवस्था हैं मोदी जी? मुझे बताया गया है कि धारा 65 के तहत पुलिस बिना कोई कागज बनाए 23 घंटे तक हिरासत में रख सकती है. मैं अस्पताल आत्महत्या करने वाले पूर्व सैनिक के परिवार से मिलने गया था, धरना देने नहीं. इसमें कौन सा अपराध है?
केजरीवाल ने उठाए सवाल
मनीष सिसोदिया को हिरासत में लिए जाने पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि अगर अपने राज्य में किसी की मौत पर उप मुख्यमंत्री परिवार को सांत्वना देने जाए तो क्या उसे गिरफ्तार किया जाएगा? गुंडागर्दी की हद है मोदी जी. पुलिस ने मृतक पूर्व सैनिक के बेटे को भी हिरासत में ले लिया. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल रामकिशन के परिवार से मिलने लेडी हार्डिंग हॉस्पिटल गए. हालांकि, पुलिसकर्मी मिलने नहीं दे रहे. केजरीवाल वहीं अड़ गए हैं और ऐलान किया है कि पूर्व फौजी के परिजनों से मिले बिना वे वापस नहीं जाएंगे. इस बीच अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि पुलिस ने उनकी गाड़ी को घेर लिया है और उन्हें जाने नहीं दिया जा रहा है.
जंतर-मंतर पर सियासी प्रदर्शन
इस मामले पर दिल्ली के जंतर-मंतर पर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. पार्टी के कार्यकर्ता ओरआरओपी मामले पर मोदी सरकार को घेर रहे हैं और पूर्व फौजी के सुसाइड के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. बाद में सीआरपीएफ के जवानों से पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को वहां से हटाने की कोशिश की.
सुसाइड नोट में OROP का जिक्र
बता दें कि रामकिशन ने आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट भी लिखा था. रामकिशन ग्रेवाल ने नोट में लिखा कि, 'मैं अपने देश, मातृभूमि और जवानों के लिए अपने प्राण न्योछावर कर रहा हूँ.' वहीं रामकिशन के छोटे बेटे ने बताया कि उसके पिता ने खुद इस बात की सूचना उसे फोन पर दी थी.
पुलिस ने कहा- नेता बाधा डाल रहे थे
पूर्व फौजी के मामले पर हॉस्पिटल पहुंचे नेताओं को हिरासत में लिए जाने के मामले पर दिल्ली पुलिस ने शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी बात रखी. दिल्ली पुलिस ने कहा कि हॉस्पिटल में शव के पोस्टमार्टम और अन्य कार्रवाईयों में नेताओं की ओर से बाधा डाली जा रही थी. हॉस्पिटल के कहने पर पुलिस ने इन्हें रोका और नहीं मानने पर हिरासत में लिया. अब सभी नेताओं को छोड़ दिया गया है. हालांकि, सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्रालय दिल्ली पुलिस के काम से खुश नहीं है और इस मामले पर रिपोर्ट मांगी है.
पर्रिकर से मिलने वाले थे रामकिशन!
परिजनों की माने तो मंगलवार दोपहर रामकिशन अपने साथियों के साथ अपनी मांगों को लेकर रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर से मिलने जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही रामकिशन ने जहर खा लिया. आनन-फानन में रामकिशन को राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.