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दिवाली से पहले ही दिल्ली में प्रदूषण का लेवल हुआ खतरनाक

सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली पर ग्रीन पटाखे जलाने का आदेश दिया है लेकिन अगर इसका पालन नहीं हुआ तो समस्या और बढ़ सकती है.

धुंध की चादर में सिमटा राष्ट्रपति भवन [फोटो-रॉयटर्स] धुंध की चादर में सिमटा राष्ट्रपति भवन [फोटो-रॉयटर्स]
अमित राय
  • नई दिल्ली,
  • 06 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 8:33 AM IST

आज छोटी दिवाली है, लेकिन दिल्ली की हवा में प्रदूषण इतना बढ़ गया है सांस लेना मुहाल हो गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि हवा की दिशा बदलने और पड़ोसी राज्यों में भारी मात्रा में पराली जलाए जाने से दिल्ली की हवा बेहद खराब हो गई है. अगर दिवाली में लोग पटाखे जलाने लगे तो समस्या और बड़ी हो जाएगी. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने रात 8 से 10 का समय तय करने के साथ ही ग्रीन पटाखे जलाने का आदेश जारी कर रखा है.   

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सोमवार को एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 418 दर्ज किया गया. एक दिन पहले यह 171 पर था. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार दिल्लीवासियों के लिए रविवार का दिन पिछले 3 सप्ताह में सबसे साफ था. इस मौसम में पहली बार एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 30 अक्टूबर को गंभीर स्तर पर चला गया था.

सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार पीएम 2.5 और पीएम 10 क्रमश: 361 और 500 की बेहद खराब और आपात स्थिति की श्रेणी में पहुंच गया है.

गौरतलब है कि सूचकांक शून्य से 50 तक होने पर हवा को ‘अच्छा’, 51 से 100 होने पर ’संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘सामान्य’, 201 से 300 से ‘खराब’, 301 से 400 तक ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच को ‘गंभीर’ श्रेणी में रखा जाता है.

सोमवार को पीएम2.5 (हवा में 2.5 माइक्रोमीटर से भी कम मोटाई वाले कणों की मौजूदगी) का स्तर 268 दर्ज किया गया जबकि पीएम10 (हवा में 10 माइक्रोमीटर से भी कम मोटाई वाले कणों की मौजूदगी) का स्तर 391 दर्ज किया गया.

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प्रदूषण अचानक से बढ़ने के पीछे अधिकारियों ने हवा की दिशा में बदलाव को बताया है. यह हवा पश्चिमोत्तर क्षेत्र से उत्तर की ओर बह रही है और पड़ोसी राज्यों से पराली जलने से उठाने वाले धुएं और धूल को ला रही है.

एयर क्वॉलिटी पर नजर रखने वाले संस्थान के अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण में पराली जलाने का योगदान 24 प्रतिशत है।

अधिकारियों ने प्रदूषण से निपटने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं, खुदाई समेत सभी निर्माण गतिविधियों पर रोक है. दिल्ली तथा एनसीआर के अन्य जिलों में सिविल निर्माण गतिविधियां रोक दी गई हैं.

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने परिवहन विभाग और यातायात पुलिस को वाहनों की प्रदूषण जांच को तेज करने को कहा है. इसके साथ ही 1 से 10 नवंबर के दौरान यातायात की भीड़ को नियंत्रित करने के निर्देश दिए हैं.

एक से 10 नवंबर तक ‘स्वच्छ हवा अभियान’ भी शुरू किया गया है ताकि प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों पर नजर रखी जाए और उनकी रिपोर्ट की जाए.

इस अभियान के तहत प्रदूषण से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने पर लोगों पर पिछले तीन दिनों में 1 करोड़ रुपये तक जुर्माना लगाया जा चुका है. दिवाली के मद्देनजर शहर में प्रदूषण की स्थिति और बदतर हो सकती है.

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इन तरीकों से रखें अपना ख्याल

मास्क लगाएं

अगर बाहर निकलने में आपको तकलीफ होती है तो अच्छी क्वॉलिटी का मास्क लगाकर ही घर से निकलें. पटाखे जलाने और इसके शोर से दूर रहने की कोशिश करें. अगर जलाने का मन ही हो तो ग्रीन पटाखे जलाएं, बच्चों को पटाखों से दूर रखें.

आंखों को बचाएं  

आंखों में ड्राइनेस, रेडनेस, सेंसि‍टिविटी आदि आती है तो फौरन किसी अच्छे नेत्र चिकित्सक से संपर्क करें. आंखें गंदे हाथों से न छुएं, हाथ से आंखें न खुजलाएं. सनग्लास लगाएं. आई मेकअप से दूर रहें, अगर जलन होती है तो आंखों को बार-बार पानी से धोएं.

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