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पोरबंदर बोट मामले में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के उन दावों पर सहमति दर्ज की है, जिसमें कहा गया है कि बोट पाकिस्तानी सेना के संपर्क में थी. सिंह ने कहा कि बोट कराची से चली थी और उस पर सवार लोग पाकिस्तानी सेना के संपर्क में थे. उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में और सूचना जुटा रही है और इसे जल्द ही सार्वजनिक किया जाएगा.
सिंह ने मंगलवार को कहा, 'नाव में सवार लोग पाकिस्तान सरकार के लोगों और वहां के सेना अधिकारियों के संपर्क में थे. जाहिर है कि इसका मतलब यही हो सकता है कि यह एक आतंकवादी साजिश थी.' उन्होंने नाव पर सवार लोगों के तस्कर होने की बात को भी खारिज कर दिया. इकोनॉमिक टाइम्स के साथ बातचीत में सिंह ने पाकिस्तान को हिदायत दी कि वह अपने इलाके में आतंकवाद से निपटने पर ध्यान दे. उन्होंने कहा कि भारत शांति के लिए तैयार है, लेकिन सीमा पार से सीजफायर के उल्लंघन का करारा जवाब देगा.
गृह मंत्री ने कहा, 'पेशावर की घटना के बाद हमें लगा था कि वे आतंकवाद के साथ सख्ती से निपटने को लेकर गंभीर होंगे. पड़ोसी होने के नाते भारत भी आतंकवाद से निपटने में पाकिस्तान की मदद कर सकता था. भारतीय फौज को संयम बरतने का सख्त आदेश है. पाकिस्तान ने भारतीय सुरक्षा बलों पर जो युद्धविराम के उल्लंघन का आरोप लगाया है वह निराधार है.'
भारत की दिलचस्पी शांति में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ को न्योते का हवाला देते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत की दिलचस्पी अब भी शांति में है, लेकिन पश्चिमी पड़ोसी के साथ बातचीत सार्थक होनी चाहिए. सिंह ने कहा, 'पाकिस्तान ही तय कर सकता है कि वह शांति वार्ता करना चाहता है या नहीं. मैंने देखा है कि पाकिस्तान के साथ कई बार इस तरह की बातचीत हुई है, लेकिन बातचीत फलदाई होनी चाहिए. सिर्फ बातचीत के लिए बातचीत नहीं हो सकती. इसका सार्थक होना जरूरी है.'
नौ सेना ने आरोपों को खारिज किया
दूसरी ओर, पोरबंदर मामले में सुरक्षा एजेंसी की इनपुट के बावजूद देर से कार्रवाई के आरोपों को नौ सेना ने खारिज किया है. नौ सेना ने एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि खुफिया एजेंसी NITRO ने जो भी जानकारी दी, उसके फौरन बाद कोस्ट गार्ड और नौ सेना ने कार्रवाई शुरू कर दी थी.