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दिल्ली: पोस्ट ऑफिस के कर्मचारियों ने अस्पताल पहुंचकर बदले मरीजों के नोट

हालाँकि अस्पतालों में पुराने नोट अभी भी लिये जा रहे हैं, लेकिन दवाई और अस्पताल के खर्चे के अलावा दूसरी रोज़मर्रा की ज़रूरत के लिए परेशानी हो रही थी.

अस्पताल में नोट बदलते अधिकारी अस्पताल में नोट बदलते अधिकारी
कपिल शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 16 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 4:56 PM IST

दिल्ली के RML अस्पताल में भर्ती मरीजों और उनके परिजनों के चेहरे तब चमक उठे जब गोल डाकखाना जीपीओ के कर्मचारी उनके नोट बदलने के लिए वार्ड में ही पहुँच गए. डाकघर के कर्मचारियों ने न सिर्फ पुराने नोट बदले बल्कि 1000 और 500 के नोट के बदले 100-100 के नोट दिए. हालाँकि अस्पतालों में पुराने नोट अभी भी लिये जा रहे हैं, लेकिन दवाई और अस्पताल के खर्चे के अलावा दूसरी रोज़मर्रा की ज़रूरत के लिए परेशानी हो रही थी.

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अपनी मां का इलाज करवाने आई रेनू ने रोते हुए कहा कि उनकी मां 9 नवंबर से अस्पताल में है, उनके अलावा कोई भी देखभाल करने वाला नहीं है. खर्च के पैसे भी खत्म हो गए थे और 500 के नोट भी नहीं चल रहे, नोट बदलने से हमारी बहुत मदद होगी.

डाकघर इंचार्ज कैलाश चंद्र शर्मा अपने दो साथी कर्मचारियों योगेंद्र शर्मा और राम अवतार के साथ नई बिल्डिंग के सभी वार्डों में कैश के साथ घूमते रहे और हर बेड पर जाकर लोगों से फार्म के साथ आईडी और भर्ती स्लिप की डिटेल ली और 4500 तक के पुराने नोटों को एक्सचेंज किया. एक मरीज़ के रिश्तेदार हीरालाल ने बताया कि वो एक दिन पहले ही दो घंटे बैंक की लाइन में लगकर भी नोट नहीं बदल पाये थे लेकिन डाकघर के कर्मचारियों ने उनके मरीज़ के पास आकर ही नोट बदल दिए.

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नई दिल्ली जीपीओ के निदेशक हरेंद्र कुमार के मुताबिक इस पहल के पीछे मकसद जरूरतमंदों तक मदद पहुँचाना है, क्योंकि डाकघर में लाइन बहुत लंबी होती है, ऐसे में जरूरतमंद व्यक्ति को पहुंच पाना मुश्किल होता हैं.

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