Advertisement

प्रद्युम्न केस: आरोपी बस कंडक्टर की जमानत पर फैसला सुरक्षित

रेयान स्कूल में हुए मर्डर केस में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए बस कंडक्टर अशोक कुमार के परिजन उसकी जमानत के लिए गुरुग्राम कोर्ट पहुंचे. दोनों पक्षों की दलिल सुनने के बाद कोर्ट ने जमानत पर फैसला सुरक्षित कर लिया है.

बस कंडक्टर अशोक कुमार बस कंडक्टर अशोक कुमार
मुकेश कुमार/चिराग गोठी
  • नई दिल्ली,
  • 20 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 5:04 PM IST

रेयान स्कूल मर्डर केस में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए बस कंडक्टर अशोक कुमार के परिजन उसकी जमानत के लिए गुरुग्राम कोर्ट पहुंचे. दोनों पक्षों की दलिल सुनने के बाद कोर्ट ने जमानत पर फैसला सुरक्षित कर लिया. मंगलवार को 3 बजे कोर्ट फैसला सुनाएगा. गुरुवार को जुवेनाइल कोर्ट में सीबीआई ने अशोक को क्लिन चिट देने से इंकार कर दिया था.

Advertisement

जुवेनाइल कोर्ट में सीबीआई का कहना था कि अभी इस केस से जुड़ी कई रिपोर्ट आनी हैं. जांच पूरी होने के बाद ही आरोपी को क्लिन चिट देने संबंधित कोई फैसला हो पाएगा. सीबीआई ने अशोक कुमार की जमानत का विरोध करते हुए कहा कि जब तक इस केस की जमानत पूरी नहीं हो जाती, तब तक उसे न्यायिक हिरासत में रखा जाए.

इन बिंदुओं के आधार पर मांगी जमानत

- आरोपी अशोक कुमार निर्दोष है. उसे गलत तरीके से केस में फंसाया गया है.

- जांच के बाद से अशोक न्यायिक हिरासत में है. उसने जो अपराध नहीं किया, उसकी भी धाराओं लगाई गई हैं.

- आरोपी बस कंडक्टर से किसी तरह की रिकवरी या पूछताछ की जरूरत नहीं है.

- इस केस में दूसरा आरोपी पकड़ा जा चुका है. ऐसे में बस कंडक्टर की हिरासत की जरूरत ही नहीं.

Advertisement

- आरोपी गुरुग्राम के घामरोज गांव का स्थाई निवासी है. उसके फरार होने का कोई चांस नहीं है.

सीबीआई ने आरोपी अशोक कुमार को शुरुआत में रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी. इसके बाद सीबीआई ने आरोपी को अदालत में पेश किया था. कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया था. फिर सीबीआई ने इस मामले में नाबालिग छात्र को पकड़ा और यह कहा कि उसी ने प्रद्युमन ठाकुर की स्कूल के अंदर हत्या की थी.

आरोपी के नाबालिग होने की वजह से यह मामला फिलहाल गुड़गांव सेशन कोर्ट के जुवेनाइल कोर्ट में चल रहा है. अशोक के वकील ने पहले जुवेनाइल कोर्ट में ही जमानत अर्जी दाखिल की, लेकिन वहां से जमानत नहीं मिलने पर कोर्ट का रुख किया. हालांकि, जुवेनाइल कोर्ट के पास आरोपी अशोक को रिहा करने का अधिकार नहीं है.

उधर, बीते बुधवार को प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर आरोपी के खिलाफ कोर्ट पहुंचे थे. वह चाहते हैं कि आरोपी नाबालिग छात्र के साथ बालिग जैसा बर्ताव किया जाना चाहिए. इस संबंध में उन्होंने जेजे कोर्ट में एक याचिका दायर की है. इसमें नए नियमों का हवाला दिया गया है. इससे पहले वरुण ठाकुर ने सनसनीखेज खुलासा किया था.

उन्होंने कहा था कि हरियाणा सरकार के एक मंत्री ने उन पर दबाव बनाया था कि वह इस केस की सीबीआई जांच की मांग न करें. उनका कहना था कि सीबीआई से बेहतर हरियाणा पुलिस इस केस की जांच करेगी. हरियाणा सरकार के मंत्री राव नरबीर सिंह ने 14 सितंबर को गुरुग्राम स्थित उनके घर आए थे और ये बातें कही थी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement