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प्रद्युम्न केस: आरोपी छात्र को 3 दिन की CBI रिमांड, Exam टालने के लिए मर्डर!

गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में हुए प्रद्युम्न मर्डर केस में एक नया मोड़ आ गया है. इस मामले की जांच कर रही सीबीआई ने स्कूल के ही 11वीं के एक छात्र को हिरासत में लिया है.

प्रद्युम्न मर्डर केस में एक नया मोड़ प्रद्युम्न मर्डर केस में एक नया मोड़
मुकेश कुमार/सतेंदर चौहान
  • नई दिल्ली,
  • 08 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 6:17 PM IST

गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में हुए प्रद्युम्न मर्डर केस में एक नया मोड़ आ गया है. इस मामले की जांच कर रही सीबीआई ने स्कूल के ही 11वीं के एक छात्र (16) को हिरासत में लिया है.

इसके बाद आरोपी छात्र को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में पेश किया गया. जुवेनाइल बोर्ड ने आरोपी छात्र को तीन दिन की रिमांड में भेज दिया है. बोर्ड ने कहा है कि सीबीआई अफसर सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक ही आरोपी छात्र से पूछताछ कर सकेंगे. पूछताछ के बाद आरोपी छात्र को ऑब्जर्वेशन में भेज दिया जाएगा.

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वहीं सीबीआई सूत्रों का कहना है कि आरोपी छात्र ने एग्जाम और पीटीएम की वजह से इस वारदात को अंजाम दिया है. सीबीआई सूत्रों का कहना है कि आरोपी छात्र स्कूल में होने वाली परीक्षा और पैरेंट्स-टीचर मीटिंग को टालना चाहता था. इसलिए उसने इस वारदात को अंजाम दिया है. इस वारदात के संबंध में जांच के दौरान कई वैज्ञानिक सबूत भी मिले हैं. सीसीटीवी फुटेज में भी आरोपी दिखा है.

सीबीआई का कहना है कि सीसीटीवी में आरोपी चाकू ले जाते दिखाई दिया है. टॉयलेट में उसने मोबाइल पर पोर्न फिल्म देखी. उसी समय उसकी नजर प्रद्युम्न पर पड़ी. उसने चाकू से गला काटकर उसकी हत्या कर दी. प्रद्युम्न का यौन शोषण नहीं हुआ था. आरोपी ने दोस्तों से कहा था कि वे परीक्षा की तैयारी न करें, क्योंकि स्कूल में छुट्टी होने वाली है.

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सीबीआई द्वारा हिरासत में लिए गए छात्र के पिता ने कहा कि उनका बेटा निर्दोष है. सीबीआई पहले ही उससे 4-5 बार पूछताछ कर चुकी है. यहां तक की गुरुग्राम पुलिस भी जांच के दौरान सीआरपीसी की धारा 164 के तहत उसका बयान दर्ज करा चुकी है. उनके बेटे ने ही सबसे पहले स्कूल के माली को इस वारदात के बारे में बताया था.

उन्होंने कहा कि उनका बेटा रेयान स्कूल में दूसरी क्लास से पढ़ रहा है. उनके बेटे को इस मामले में फंसाया जा रहा है. सीबीआई ने उसे पूछताछ के लिए मंगलवार की रात 9 बजे बुलाया था. उसके बाद वह वापस नहीं आया है. इसके खिलाफ वह गुरुग्राम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं. वहीं, प्रद्युम्न के पिता ने इस जानकारी से इंकार किया है.

इस वारदात के बाद सबसे पहले बस कंडक्टर अशोक कुमार को ही गुरुग्राम पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उस वक्त आरोपी ने हत्या की बात कबूल की थी, लेकिन बाद में वह अपने बयान से पलट गया था. उसने कहा था कि दबाव में आकर उसने हत्या की बात स्वीकार की थी. इसके बाद भारी दबाव के बीच इस मामले की जांच सीबीआई को दी गई थी.

सीबीआई ने इस मामले में बस कंडक्टर के साथ ही स्कूल के माली हरपाल, कई टीचर, नॉन टीचिंग स्टाफ और मैनेजमेंट जुड़े लोगों से पूछताछ की थी. यहां तक की सीबीआई ने बस कंडक्टर और माली के साथ रेयान इंटरनेशनल स्कूल जाकर क्राइम सीन रिक्रिएट किया था. जिस टॉयलेट में वारदात को अंजाम दिया गया वहां भी जांच की गई थी.

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तीन सदस्यीय टीम ने दी रिपोर्ट

इस केस की जांच के लिए हरियाणा सरकार द्वारा गठित तीन सदस्यीय टीम ने अपनी रिपोर्ट गुड़गांव पुलिस को सौंपी थी. इस रिपोर्ट में रेयान इंटरनेशनल स्कूल की कई कमियां सामने आई थी. सबसे बड़ी बात ये कि स्कूल कैंपस में लगे सीसीटीवी कैमरे खराब मिले थे. यहां तक की स्कूल बाउंड्री वॉल टूटी हुई थी, जिससे अंदर आना-जाना बेहद आसान था.

इस रिपोर्ट में क्या कहा गया था

1- रेयान इंटरनेशनल स्कूल के सीसीटीवी कैमरे खराब थे.

2- ड्राइवर और कंडक्टर छात्रों के टॉयलेट का ही इस्तेमाल करते थे.

3- स्कूल की बाउंड्री वॉल टूटी हुई थी, जिससे स्कूल के अंदर आना जाना बेहद आसान था.

4- स्कूल में काम करने वाले कर्मचारियों का किसी भी तरह का कोई पुलिस वैरिफेकेशन नहीं हुआ था.

जानिए, क्या है पूरा मामला

बताते चलें कि रेयान इंटरनेशनल स्कूल में दूसरी क्लास में पढ़ने वाले 7 साल के छात्र प्रद्युम्न ठाकुर के साथ कुकर्म की कोशिश के बाद उसकी गला रेतकर बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. इस मामले में बस कंडक्टर अशोक समेत तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. आरोपी अशोक कुमार ने पहले अपना जुर्म कबूल किया था, लेकिन अब इससे इंकार कर रहा है.

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सख्त कानून की आवश्यकता

स्कूल में बच्चों की सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है. दिन का बड़ा हिस्सा बच्चे स्कूल में गुजारते हैं. ऐसे में उनकी सुरक्षा को लेकर सख्त कानून आना बेहद जरूरी है. घर के बाद के स्कूल को बच्चों के लिए सुरक्ष‍ित जगह मानी जाती है. स्कूल में अगर ऐसी घटनाएं होती रहीं तो स्कूल से सबका विश्वास उठ जाएगा. स्कूल प्रशासन और शिक्षकों की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए.

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