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प्रद्युम्न केस: मॉडर्न तकनीक से हत्याकांड का राज खोलेगी CBI

रेयान इंटरनेशनल स्कूल में हुए प्रद्युम्न मर्डर केस की जांच कर रही सीबीआई मॉडर्न मशीनों और तकनीक का सहारा ले रही है. इस हत्याकांड के राज का पर्दाफाश करने के लिए वॉयस स्पेक्ट्रोग्राफी और फ्रेड नाम के फोरेंसिक वर्क स्टेशन का उपयोग किया जाएगा.

 प्रद्युम्न मर्डर केस प्रद्युम्न मर्डर केस
मुकेश कुमार
  • गुरुग्राम,
  • 30 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 3:50 PM IST

रेयान इंटरनेशनल स्कूल में हुए प्रद्युम्न मर्डर केस की जांच कर रही सीबीआई मॉडर्न मशीनों और तकनीक का सहारा ले रही है. इस हत्याकांड के राज का पर्दाफाश करने के लिए वॉयस स्पेक्ट्रोग्राफी और फ्रेड नाम के फोरेंसिक वर्क स्टेशन का उपयोग किया जाएगा. इनके जरिए पुख्ता सबूत एकत्र किया जाएगा, ताकि आरोपी को कठोर सजा मिल सके.

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, फ्रेड एक ऐसी मशीन है, जिसके जरिए हत्याकांड से जुड़े सीसीटीवी फुटेज, आरोपियों या हत्याकांड से जुड़े लोगों के कॉल रिकॉर्ड, चैट इत्यादि को खंगाला जाता है. कई बार मौके से पुलिस ठीक से सबूत इकट्‌ठा नहीं कर पाती. ऐसे में फ्रेड मशीन का उपयोग करके सभी रिकॉर्ड 100 फीसदी तक रिकवर किया जा सकता है.

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सीबीआई के मुताबिक, टॉयलेट में प्रद्युम्न की हत्या के ठीक पहले और बाद के सीसीटीवी फुटेज की वॉयस स्पेक्ट्रोग्राफी की जाएगी. नारको, ब्रेन मैपिंग, और पॉलीग्राफी टेस्ट की तर्ज पर आवाज के नमूनों की जांच की जाती है. इससें किसी व्यक्ति से संबंधित तस्वीरों या फुटेज को देखकर होंठ हिलाने के आधार पर पता किया जाता है कि उसने क्या बोला होगा.

इससे पहले जमानत पर रिहा हुआ अशोक कुमार ने आज गुरुग्राम कोर्ट में पेश होकर अपनी हाजिरी दी. एडिशनल सेशन जज रजनी यादव की अदालत में पेश होकर उसने अपनी हाजिरी दी है. आगामी 23 जनवरी को उसे फिर कोर्ट में पेश होना होगा. सीबीआई ने उसे क्लीनचिट नहीं दिया है. 22 नवंबर को 76 दिनों बाद अशोक को जमानत मिली थी.

रिहाई के बाद बस कंडक्टर अशोक कुमार ने कहा था, 'मैं भगवान का शुक्रगुजार हूं कि उसने मुझे न्याय दिया. हमें न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है. मुझे हिरासत में टॉर्चर किया गया. करंट के झटके दिए गए. पुलिस ने थर्ड डिग्री देकर उसे जुर्म कबूल करने के लिए मजबूर किया था. मैंने दबाव में आकर मीडिया के सामने खुद को गुनहगार बताया था.'

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मदद के लिए गांव ने लगाया चंदा

बताते चलें कि अशोक कुमार को 50 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत मिली है. अशोक पड़ोसी महेश राघव ने अपनी जमीन की रजिस्ट्री के पेपर बतौर जमानत दिया था. महेश ने कहा था, 'हमारे घर की दीवार एक है. मैंने अपनी जमीन की रजिस्ट्री के पेपर बतौर जमानत दिया है. गांववालों ने भी 50-100 रुपये तक का चंदा लगाकर अशोक की मदद की है.'

अशोक के खिलाफ कोई सबूत नहीं

आरोपी के वकील मोहित वर्मा ने कहा कि उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं था. अदालत ने अनुच्छेद 21 के तहत उन्हें जमानत दे दी. अनुच्छेद 21 हर नागरिक को जिंदगी और स्वतंत्रता का अधिकार देता है. सीबीआई और हरियाणा पुलिस के सिद्धांतों के बीच बड़ा संघर्ष था. संदेह के लाभ के आधार पर उन्हें जमानत दी गई है. अशोक को फंसाया गया था.

गला रेतकर प्रद्युम्न की हत्या

8 सितंबर की रेयान स्कूल के बाथरूम में 7 वर्षीय प्रद्युम्न ठाकुर का शव मिला था. उसकी गला रेतकर हत्या की गई थी. इस मामले की जांच कर रही गुरुग्राम पुलिस ने 42 वर्षीय बस कंडक्टर अशोक कुमार को प्रद्युम्न की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था. दावा किया था कि बच्चे के साथ गलत काम करने में नाकाम रहने के बाद उसने हत्या कर दी.

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