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...जब SC में प्रद्युम्न के पिता को CM खट्टर ने किया फोन, कही ये बात

फोन उठाते ही दूसरी ओर से आवाज आई कि सीएम साहब बात करना चाहते हैं. साथ खड़े रिश्तेदार ने फोन वरुण को दिया. थोड़ी देर बात होती रही. इसके बाद वरुण ने बताया कि सीएम साहब कह रहे थे, जिसमें आप सभी की संतुष्टि हो वैसे ही जांच करा दी जाएगी. सरकार सीबीआई जांच कराने के आदेश देने को भी तैयार है.

CM मनोहर लाल खट्टर ने किया प्रद्युम्न के पिता को फोन CM मनोहर लाल खट्टर ने किया प्रद्युम्न के पिता को फोन
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 11 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 8:55 PM IST

सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को रेयान मर्डर केस की सुनवाई होनी थी. चीफ जस्टिस की अदालत यानी कोर्ट नंबर-1 के सामने वरुण ठाकुर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे. अचानक वरुण ठाकुर के फोन की घंटी बजी. फोन रिसीव किया तो दूसरी ओर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर फोन पर थे.

दरअसल फोन वरुण के रिश्तेदार ने उठाया था. फोन उठाते ही दूसरी ओर से आवाज आई कि सीएम साहब बात करना चाहते हैं. साथ खड़े रिश्तेदार ने फोन वरुण को दिया. थोड़ी देर बात होती रही. इसके बाद वरुण ने बताया कि सीएम साहब कह रहे थे, जिसमें आप सभी की संतुष्टि हो वैसे ही जांच करा दी जाएगी. सरकार सीबीआई जांच कराने के आदेश देने को भी तैयार है.

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गौरतलब है कि अब जब सरकार और स्कूल के रुख से निराश होकर पीड़ित परिवार ने अपने लाल के लिए इंसाफ मांगने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया तो सीएम मनोहर लाल खट्टर को सब कुछ अचानक याद आ गया. सीएम साहब के मंत्री ने पीड़ित के घर में विलाप कर रहे परिवार के सामने ये कहने में जरा भी देर नहीं लगाई कि 'यहां जिसे देखो सीबीआई जांच की मांग करने लगता है. जांच चल तो रही है.'

इस पर सीएम ने न तो अपने मंत्री की खबर ली और ना ही पीड़ित परिवार की. हां, जब पानी सिर से ऊपर चला गया और सीएम को लगा कि किरकिरी ज्यादा हो जाएगी तो वरुण ठाकुर को फोन कर उनकी इच्छा पूछने लगे. हालांकि खट्टर के फोन के कुछ मिनटों बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई शुरू कर दी. हरियाणा सरकार, केंद्र, सीबीएसई और सीबीआई को नोटिस जारी कर कोर्ट ने याचिका में उठाए गए सवालों का जवाब मांग लिया.

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सरकार और प्रशासन के साथ-साथ स्कूलों का रवैया सामने आ चुका है. कोर्ट ने भी सुनवाई के दौरान कहा कि अब ये सिर्फ एक स्कूल या बच्चे का मामला नहीं बल्कि देश के स्कूलों में पढ़ने वाले सभी बच्चों की सुरक्षा का सवाल है, लिहाजा इस पर नोटिस जारी किया जाता है. अब इस नोटिस में उठाए गए सवालों का जवाब तीन हफ्ते में सरकार को देना होगा. हालांकि, उधर मुंबई में रेयान इंटरनेशनल ग्रुप के चेयरमैन और प्रबंधन के आला अधिकारियों ने अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई है. इस पर अभियोजन पक्ष के साथ-साथ पीड़ित परिवार ने भी इसका पुरजोर विरोध किया.

 

 

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