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देश में अब मेडिकल और डेंटल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एक ही परीक्षा राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) का आयोजन होगा. संसद में इस संबंध में पारित दो विधेयकों को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मंजूरी दे दी.
अधिकारियों ने बताया कि प्रणब ने मेडिकल परिषद् (संशोधन) अधिनियम, 2016 और डेंटिस्ट (संशोधन) अधिनियम, 2016 को मंजूरी दे दी है. एनईईटी का रास्ता साफ करते हुए राज्यसभा ने इन विधेयकों को एक अगस्त को पारित किया था. लोकसभा में दोनों संशोधन विधेयक पिछले महीने ही पारित हो गए थे.
इन दोनों कानूनों का लक्ष्य प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना, एक से ज्यादा प्रवेश परीक्षाओं को समाप्त करना तथा काउंसिलिंग के नाम पर छात्रों का शोषण रोकना है. दोनों अधिनियमों के कानून बनने के बाद अब मेडिकल और डेंटल शिक्षा में स्नातक तथा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम चलाने वाले सभी शिक्षण संस्थानों में एक ही प्रवेश परीक्षा के आधार पर दाखिला होगा.
कानून के अनुसार, मेडिकल शिक्षा में स्नातक तथा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम चलाने वाले सभी शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए हिन्दी, अंग्रेजी तथा ऐसी ही अन्य भाषाओं में समान प्रवेश परीक्षा होगी. यही प्रक्रिया डेंटल कॉलेजों में दाखिले के लिए भी है. एनईईटी को शैक्षणिक सत्र 2017-18 से लागू करने की योजना है.