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राजनीतिक मतभेदों के बावजूद PM के साथ रिश्ते शानदारः पूर्व राष्ट्रपति प्रणब

राष्ट्रपति भवन की पारी खत्म करने के बाद पहली बार प्रणब मुखर्जी ने राजनीति, जीएसटी और नोटबंदी पर खुलकर अपने विचार साझा किए. उन्होंने कहा कि राजनीतिक मतभेदों के बावजूद पीएम मोदी ने उनको सम्मान दिया.

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और पीएम मोदी पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और पीएम मोदी
राजदीप सरदेसाई
  • नई दिल्ली,
  • 13 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 12:33 PM IST

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इंडिया टुडे को दिए विशेष इंटरव्यू में कहा कि तमाम राजनीतिक मतभेदों के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनके रिश्ते शानदार हैं. इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी जमकर तारीफ की. राष्ट्रपति भवन की पारी खत्म करने के बाद पहली बार प्रणब मुखर्जी ने राजनीति, जीएसटी और नोटबंदी पर खुलकर अपने विचार साझा किए. उन्होंने कहा कि राजनीतिक मतभेदों के बावजूद पीएम मोदी ने उनको सम्मान दिया.

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प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि गठबंधन की सरकार की बजाय बहुमत की सरकार बेहतर होती है, क्योंकि गठबंधन की सरकार समझौते का परिणाम होती है. जब प्रणब मुखर्जी से जीएसटी और नोटबंदी पर उनके रुख के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि वह नोटबंदी और जीएसटी लागू होने के दौरान सरकार का हिस्सा थे, तो इनकी आलोचना कैसे कर सकते हैं?

दरअसल, जीएसटी और नोटबंदी के चलते अर्थव्यवस्था में गिरावट को लेकर मोदी सरकार की आलोचना हो रही है. इसको लेकर आम लोगों में भी गुस्सा देखा जा रहा है. UPA शासन के दौरान GST को लागू करने की पैरवी करने वाले मुखर्जी ने जीएसटी को अच्छा बताया. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इसको लागू करने में शुरुआत में दिक्कत तो आएगी ही. इसके अलावा कांग्रेस पार्टी के सत्ता में वापसी के सवाल पर पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि यह कहना बिल्कुल गलत है कि 132 साल पुरानी पार्टी फिर से सत्ता में वापसी नहीं करेगी.

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साल 2019 में होने वाले आम चुनाव को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. एक सवाल के जवाब में प्रणब मुखर्जी ने जोर देकर कहा कि मीडिया को चाहिए कि वह कांग्रेस को निशाना नहीं बनाए. इसके अतिरिक्त प्रणब मुखर्जी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सोनिया गांधी के इशारे पर काम करने के आरोप को भी सिरे से खारिज कर दिया. मालूम हो कि मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहने के दौरान सोनिया गांधी के इशारे पर सभी काम करने का आरोप लगाता रहा है.

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