
प्रसार भारती ने 'खर्च में कटौती के उपायों' का हवाला देते हुए ऑल इंडिया रेडियो (एआईआर) के राष्ट्रीय चैनल और 5 शहरों की क्षेत्रीय प्रसारण और मल्टीमीडिया अकादमी (आरएबीएम) को तत्काल प्रभाव से बंद करने का फैसला किया है. प्रसार भारती ने अप्रत्याशित कदम उठाते हुए गुरुवार को अचानक राष्ट्रीय चैनल के अलावा 5 क्षेत्रीय प्रसारण और मल्टीमीडिया अकादमी को बंद करने का आदेश जारी कर दिया.
तत्काल प्रभाव से एआईआर के राष्ट्रीय चैनल और अहमदाबाद, हैदराबाद, लखनऊ, शिलांग और तिरुवनंतपुरम में स्थित क्षेत्रीय प्रसारण और मल्टीमीडिया अकादमी (आरएबीएम) को बंद करने का फैसला किया गया है. ऑल इंडिया रेडियो के अधिकारियों के अनुसार, सार्वजनिक क्षेत्र यह प्रसारण कंपनी जिस तरह से शटर गिरा रही है उससे अब नौकरी देने का विकल्प नहीं रही.
प्रसार भारती की ओर से नेशनल चैनल और 5 अकादमियों को बंद किए जाने संबंधी पत्र 24 दिसंबर 2018 को आकाशवाणी के महानिदेशक को भेजा गया और यह फैसला 3 जनवरी को अस्तित्व में आ गया.
बहुभाषी नेशनल चैनल की शुरुआत भारत सरकार के प्रसारण नियम के तहत 1987 में की गई थी, और इसका प्रसारण शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक हुआ करता था. इस दौरान चैनल पर हर घंटे न्यूज, सामूहिक चर्चा, राष्ट्रीय महत्व के कार्यक्रम के अलावा भारतीय समाज के जुड़े कई कार्यक्रमों का प्रसारण किया जाता था. नेशनल चैनल बंद होने के बाद अब ऑल इंडिया रेडियो के पास कोई नेशनल चैनल नहीं होगा.
हालांकि प्रसार भारती के इस फैसले का ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन के प्रोग्राम स्टॉफ एसोसिएसन ने विरोध किया है. इसके खिलाफ प्रसार भारती को पत्र भी लिखा जाएगा. उनका कहना है कि खर्च कटौती के लिए इससे बेहतर विकल्प तलाशे जा सकते थे.
नेशनल चैनल के पास हजारों कार्यक्रमों का एक बड़ा खजाना है जिसे संरक्षित किया जाएगा और यहां पर कार्यरत कर्मचारियों को दूसरी जगह पोस्टिंग कराई जा सकती है.