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प्रशांत किशोर का खुलासा- सर्जिकल स्ट्राइक के बाद हुआ राहुल-अखिलेश का गठबंधन

राजनीतिक रणनीतिकार के तौर पर अपनी पहचान बना चुके प्रशांत किशोर जेडीयू में नीतीश कुमार के बाद अब दूसरे नंबर के नेता बन गए हैं. जनता दल यूनाइटेड (JDU) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया है.

प्रशांत किशोर (फोटो-Rahul Kanwal) प्रशांत किशोर (फोटो-Rahul Kanwal)
जावेद अख़्तर/राहुल कंवल
  • हैदराबाद,
  • 21 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 2:21 PM IST

चुनावी रणनीतिकार और 2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत के अहम सूत्रधार कहे जाने वाले प्रशांत किशोर ने अब नई पारी का आगाज किया है. आम चुनाव में नरेंद्र मोदी के लिए कैंपेन करने के बाद प्रशांत किशोर ने बिहार में नीतीश कुमार, पंजाब में कैप्टन अमरिंदर और यूपी में कांग्रेस के लिए काम किया. अब वह खुद राजनीति में उतर गए हैं और नीतीश कुमार ने उन्हें जेडीयू में नंबर दो की जगह दी है.

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जेडीयू में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का पद मिलने के बाद प्रशांत किशोर ने इंडिया टुडे के खास शो JabWeMet में टीवी टुडे नेटवर्क के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल से बात की. राहुल कंवल ने प्रशांत किशोर से उनके चुनावी अभियान से लेकर अमित शाह के साथ संबंधों पर भी सवाल किए, साथ ही जेडीयू में राजनीति में आने की वजह भी जानी. इस दौरान राहुल कंवल ने प्रशांत किशोर से 2017 में हुए यूपी विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की रणनीति पर भी सवाल किए, जिसके जवाब में प्रशांत ने कई अहम जानकारी साझा कीं.

2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए कैंपेन करने वाले प्रशांत किशोर (पीके) ने बताया, 'यूपी चुनाव एक शादी की तरह था, जहां दूल्हा और दुल्हन भाग गए और शादी की सारी जिम्मेदारी आयोजक को ही उठानी पड़ी.' कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के गठबंधन पर प्रशांत किशोर ने बताया, 'हमने कैंपेन की शुरुआत 27 साल, यूपी बेहाल के नारे के साथ की, जिससे साफ जाहिर होता है कि गठबंधन का कोई आइडिया नहीं था. लेकिन इसी बीच सितंबर 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक हो गई. जिसके बाद कांग्रेस के बड़े नेताओं में इस बात पर सहमति बनी कि इन हालातों में अकेले चुनाव लड़ना अच्छा निर्णय नहीं होगा.'

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बता दें कि भारतीय सेना ने 2016 में 28-29 सितंबर की रात पाकिस्तान की सीमा में घुसकर आतंकियों पर प्रहार किया था. भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना की इस कार्रवाई को चुनाव प्रचार का हिस्सा भी बनाया था.

'कांग्रेस जरूर वापसी करती'

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के गठजोड़ के बाद यूपी में चुनाव के हालात बदल गए. कांग्रेस के नारों में बदलाव देखने को मिला. प्रदेश की दीवारों पर लिखे, '27 साल यूपी बेहाल' जैसे नारों को पुतवा दिया गया और नए नारे बनाए गए. जिनमें 'यूपी को ये साथ पसंद है' जैसे स्लोगन चुनाव प्रचार में इस्तेमाल किया. हालांकि, सपा-कांग्रेस का गठबंधन भी काम नहीं आया और बीजेपी ने क्लीन स्वीप कर दिया.

यूपी के चुनाव नतीजों पर प्रशांत किशोर का कहना है कि कांग्रेस के लिए जो प्लान बनाया गया था, अगर वह पूरी तरह से लागू होता तो कांग्रेस जरूर वापसी करती. वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के चुनावी भविष्य को लेकर प्रशांत किशोर ने कहा कि उन्हें अभी टाइम देना पड़ेगा.

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