
इंडिया टुडे ने इस मामले पर वन्य जीव अधिकारियों से बात की तो उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच अभी चल रही है. हम हथिनी की मौत का पता लगाने की कोशिशों में जुटे हैं. इस पूरी चर्चा की शुरुआत तब हुई जब एक जूनियर स्तर के अधिकारी ने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि हथिनी की मौत की वजह मुंह में पटाखे फटने की वजह से हुई है.
सोशल मीडिया पर गर्भवती हथिनी की पानी खड़े होने वाली तस्वीर वायरल हो रही है. लोगों का गुस्सा मलप्पुरम के लोगों को पर फूट रहा है. मलप्पुरम गांव में हथिनी खाने की तलाश में आई थी. कुछ स्थानीय लोगों ने अनानास में पटाखे भरकर हथिनी को खिला दिया. दिल दहलाने वाली यह घटना सोशल मीडिया पर चर्चा के केंद्र में है.
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सामान्य तौर पर हाथियों का झुंड जंगलों में हमेशा चक्कर काटता रहता है. इस हादसे के बाद हथिनी एक नदी में खड़ी हो गई और असहनीय दर्द सहती रही. अपने आप में यह काफी दर्दनाक मामला है.
वन अधिकारी ने सोशल मीडिया पर शेयर की पोस्ट
इस दर्दनाक घटना को नीलांबर के सेक्शन फॉरेस्ट अधिकारी मोहन कृष्णन ने सोशल मीडिया पर पहले शेयर किया. गांव में खाने की तलाश में अक्सर हाथी भटककर आ जाते हैं. लोगों ने अनानास में पटाखे छिपाए थे, सामान्य तौर पर ग्रामीण लोग ऐसा जंगली सूअरों को भगाने के लिए करते हैं. जैसे ही हथिनी ने फल खाया, उसके मुंह में पटाखे फूट पड़े, जिसकी वजह से उसे भयानक दर्द का सामना करना पड़ा.
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'उसे स्वार्थी मानव के बारे में नहीं पता था'
उन्होंने लिखा, 'वह गांव में खाने की तलाश में आई थी. उसे स्वार्थी मानव के बारे में नहीं पता था, जिसे वह देखने जा रही थी. उसे जरूर सोचना चाहिए था कि ये उसे खत्म कर देंगे, क्योंकि उसके पास दो जीवनों का भार था. वह सब पर विश्वास करती थी. जैसे ही अनानास उसने खाया, मुंह में विस्फोट हो गया. उसे जरूर शॉक होना चाहिए था कि उसने खुद के बारे में क्यों नहीं सोचा. 18 से 20 महीने के भीतर वह बच्चे को जन्म देने वाली थी.'
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पर्यावरण मंत्रालय ने भी मांगी रिपोर्ट
इस घटना को पर्यावरण मंत्रालय ने भी गंभीरता से लिया है और घटना की पूरी रिपोर्ट मांगी है. वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि जो लोग भी इसमें दोषी होंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.