
भारत भले ही 21वीं सदी में विकास के कुलांचे भर रहा हो. खुद को विश्वशक्ति का तमगा दे रहा हो, लेकिन धरातल पर स्थितियां एकदम विपरीत हैं. अभी छत्तीसगढ़ में इस विरोधाभास की एक बानगी देखने को मिली. जब राज्य के बिलासपुर जिले में एक गर्भवती महिला को अस्पताल से भगा दिया गया. जिसकी वजह से एक मकान के शेड में उसका प्रसव कराया गया. इस मामले में राज्य शासन ने चिकित्सक और नर्स के खिलाफ कार्रवाई की है.
जिले के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि शहर के सिरगिट्टी क्षेत्र के लोको खोली में रहने वाली गर्भवती विधवा महिला को जिला अस्पताल ने बुधवार की रात बिस्तर खाली नहीं होने का हवाला देते हुए अस्पताल से लौटा दिया. इससे पहले महिला पड़ोसियों के साथ सिरगिट्टी स्वास्थ्य केंद्र पहुंची थी. वहां से भी उसे जिला अस्पताल से भी र्दुव्यवहार करके भगा दिया गया.
महिला जब पड़ोसी महिलाओं के साथ पैदल घर लौट रही थी तभी उसे प्रसव पीड़ा का एहसास हुआ. रास्ते में टूटे मकान के शेड के नीचे उसका प्रसव कराया गया. महिला अपने नवजात शिशु के साथ सारी रात वहीं पड़ी रही. जब आसपास के लोग उसे ऐसी हालत में देखकर भड़कने लगे तब जिला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमा हरकत में आया. जिसके बाद उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया.
क्या कहते हैं अधिकारी?
अधिकारियों का कहना है कि इस पूरे मामले को बिलासपुर की आयुक्त निहारिका बारीक ने गंभीरता से लिया और संयुक्त संचालक-स्वास्थ्य सेवाएं को जांच के आदेश दिए हैं. प्रारंभिक जांच को आधार मानकर आयुक्त ने बिलासपुर के अतिरिक्त कलेक्टर की अध्यक्षता में एक विस्तृत जांच कमेटी का गठन भी कर दिया है.
उन्होंने बताया कि घटना के समय जिला अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात स्त्री रोग विभाग की चिकित्सक रमा घोष को ऑफिस अटैच कर दिया गया है तथा नर्स सीमा सिंह को निलंबित कर दिया गया है.