
राजधानी दिल्ली में 14 और 15 सितंबर के लिए गणपति महाविसर्जन की विशेष तैयारियां तेजी पर हैं. राजधानी में बढ़ते गणपति पूजा पंडालों, मंदिरों और निजी घरों में गणपति स्थापना के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने खास इंतजाम किए हैं. जिससे यमुना में विसर्जित होने वाली प्रतिमाओं का आंकड़ा और यमुना के जल की गुणवत्ता का रिकॉर्ड रखा जा सके.
यमुना में केमिकल रहित मूर्तियों का हो विसर्जन
दिल्ली सरकार के मुताबिक केवल नेचुरल रंगों और केमिकल रहित मूर्तियों का विसर्जन ही पवित्र यमुना में किया जाए. इसके लिए दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति यानी DPCC का अभियान
जारी है. पूरी दिल्ली में सड़कों के किनारे प्लास्टर ऑफ पेरिस से गणपति प्रतिमाएं बनाई और धड़ल्ले से बेचीं जा रही थीं. तब शायद दिल्ली सरकार, नगर निगम और डीपीसीसी सबको दिखाई
देना बंद हो गया था. अब विसर्जन के समय ये कैसे तय करेंगे कि कौन सी प्रतिमा पर्यावरण अनुकूल है और कौन नहीं.
8 घाटों पर विसर्जन की विशेष व्यवस्था
विसर्जन के लिए यमुना के 7 घाटों पर विशेष व्यवस्था की जा रही है. इनमें कुदसिया घाट, गीता घाट, हाथी घाट, श्याम घाट, कालिंदी कुंज घाट, मयूर विहार घाट, गीता कॉलोनी घाट शामिल
हैं.
इन घाटों पर बिजली व्यवस्था व पावर बैकअप के लिए जनरेटर लगाए जा रहे हैं. हर घाट पर एंबुलेंस, पीने के पानी के टैंकर, मोबाइल और टॉयलेट की व्यवस्था रहेगी. जिससे गणपति विसर्जन के लिए दूर दराज से आने वाले लोगों को कोई परेशानी न हो. इसके अलावा सुरक्षा के लिए नावो व लाइफ जैकेट्स तथा विशेष तैराकों की ड्यूटी हर घाट पर होगी. इसकी निगरानी के लिए विशेष दस्ते भी रहेंगे. यमुना में 14 और 15 सितंबर को जल प्रवाह भी सुनिश्चित किया जाएगा.