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CBI और ED के दवाब में राष्ट्रपति चुनाव में NDA को समर्थन दे रही है TRS: शरद यादव

 शरद यादव ने आरोप लगाया कि राष्ट्रपति के चुनाव में तेलंगाना की टीआरएस NDA को इसलिए समर्थन दे रही है, क्योंकि उनको ईडी और सीबीआई का डर है. हालांकि, टीआरएस ने शरद यादव के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है.

शरद यादव शरद यादव
अशोक सिंघल
  • नई दिल्ली,
  • 04 मई 2017,
  • अपडेटेड 8:26 PM IST

राष्ट्रपति के चुनाव को लेकर विपक्ष एकजुट होने की कोशिश में लगा है. लेकिन इस बीच शरद यादव ने आरोप लगाया कि राष्ट्रपति के चुनाव में तेलंगाना की टीआरएस NDA को इसलिए समर्थन दे रही है, क्योंकि उनको ईडी और सीबीआई का डर है. हालांकि, टीआरएस ने शरद यादव के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है.

गौरतलब है कि सोनिया गांधी ने विपक्षी एकता को लेकर अलग-अलग पार्टी के नेताओं से बातचीत शुरू कर दी है. इसी सिलसिले में सोनिया गांधी ने शरद यादव, सीताराम येचुरी, डी राजा, ममता बनर्जी सहित तमाम पार्टियों से बात की है. कोशिश यही है कि विपक्ष राष्ट्रपति के चुनाव में एकजुट रहे और अपना उम्मीदवार उतारे.

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शरद यादव ने आजतक से खास बातचीत में कहा कि राष्ट्रपति के उम्मीवार के तौर पर नाम किसी का भी आए, लेकिन विपक्ष की एकता रहनी चाहिए. खुद के नाम नाम को लेकर हो रही चर्चा पर शरद यादव का कहना है कि किसी का भी नाम आएगा देखा जाएगा, लेकिन उससे पहले विपक्ष एकजुट रहना रखना यह सबसे जरूरी है.

शरद यादव के आरोपों पर टीआरएस के सांसद जितेंद्र रेड्डी का कहना है कि ऐसे आरोप शरद यादव को नहीं लगाने चाहिए. ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए कि हम किसी के दबाव में किसी को समर्थन दे रहे हैं. हम उसी व्यक्ति को समर्थन देंगे, जो तेलंगाना के हित को ध्यान में रखेगा. इसलिए हमने अभी कोई फैसला नहीं किया है कि एनडीए को समर्थन देंगे या विपक्ष को.

जितेंद्र रेड्डी ने कहा, हमने कभी नहीं कहा है कि हम एनडीए को समर्थन देंगे, लेकिन हमारा यह कहना है कि राज्य के हितों को ध्यान में रखकर और हर चीज को हम लोग ध्यान में रखकर ही राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को समर्थन देंगे, चाहे कोई भी क्यो ना हो.

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आम सहमति से राष्ट्रपति चुनने के सवाल पर शरद यादव का कहना है कि अभी तक सरकार ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं. उन्होंने कहा, 'उनकी तरफ से कोई भी पहल नहीं हुई है, इसलिए हम अभी उसके बारे में नहीं कह सकते है. पहले भी आम सहमति होती रही है और विपक्ष ने अपना अलग से उमीदवार भी उतारा है, लेकिन अभी तक सरकार की ओर से कोई पहल न किए जाने के कारण विपक्ष एकजुटता करने की कोशिश में है और अपना उम्मीदवार उतारने की कोशिश में लगा है.

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